यूपी हिंसा- पोस्टर हटाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू


लखनऊ/नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में लखनऊ में हुई हिंसा व तोड़फोड़ के आरोपियों के शहर में लगाए गए पोस्टर हटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। सर्वोच्च अदालत में सुनवाई शुरू हो चुकी है।राज्य सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पक्ष रख रहे हैं। सरकार ने याचिका में होर्डिंग लगाए जाने की कार्यवाही को विधि सम्मत ठहराया है। सर्वोच्च अदालत ने भी मामले को प्राथमिकता पर लिया है और याचिका दाखिल होने के अगले दिन ही मामले की सुनवाई करने का फैसला किया है।गत दिनों आरोपियों के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाए जाने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया था। इसके तहत कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी को रविवार को अवकाश के दिन तलब कर लिया था।कोर्ट ने अधिकारियों से यह स्पष्ट करने को कहा था कि उन्होंने किस नियम के तहत आरोपियों के पोस्टर लगाए। हालांकि सरकार की तरफ से सारी कार्यवाही को नियम संगत बताया गया था पर उच्च न्यायालय ने सरकार को होर्डिंग हटाकर 16 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। पर सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने का फैसला किया और सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई। 


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