झंडे जी मेला- संगतों ने श्रद्धा के साथ  गिलाफ सिलने का काम किया शुरू 

 



देहरादून/दून के सुप्रसिद्ध झंडे जी मेले में होली के बाद तेजी आ गई है। दरबार साहिब में सनील, सादे गिलाफ सिलने का काम संगतों ने बुधवार से शुरू कर दिया है। वहीं दरबार साहिब से श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी की अगुवाई में पैदल संगत नए झंडे जी(ध्वजदंड) को लाने के लिए सुबह नौ बजे मोथरोवाला के जंगल पहुंची। यहां पर झंडे जी को पहले एसजीआरआर मोथरोवाला लाया गया। इसके बाद ससम्मान मोथरोवाला रोड, कारगी चैक, श्रीमहंत अस्पताल, लालपुल चैक, सहारनपुर रोड होते हुए दरबार साहिब लाया गया। झंडे मेले में अब श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी है। दरबार साहिब प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए अपने स्कूल, आश्रय स्थल, धर्मशालाएं खोल दी हैं। कई श्रद्धालु दरबार साहिब परिसर में ही डेरा डाल चुके हैं। अपनी अपनी समझ के हिसाब से श्रद्धालुओं ने मेले की तैयारियों से जुड़े कामकाज में हाथ बंटाना शुरू कर दिया है। श्रद्धालु खुद ही प्रबंधन से मिलकर अपने लिए काम तलाश रहे हैं। कोई लंगर की व्यवस्था में जुटा है तो कोई परिसर की साफ सफाई में जुट गया है। वहीं होली के ठीक बाद से सनील व सादे गिलाफों को सिलने में भी संगतें स्थानीय लोगों के साथ जुट गई हैं। खासकर महिलाएं इस काम को अंजाम दे रही हैं। इसके साथ ही दर्शनी गिलाफ की भी सिलाई शुरू हो गई है। पंजाब, हरियाणा से संगतों के आने का सिलसिला तेज हो गया है। दरबार साहिब में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से झंडा बाजार, सहारनपुर चैक, दर्शनी गेट वाले इलाके में चहल पहल बढ़ गई है। अगले दो दिनों तक गिलाफ सिलने का काम चलता रहेगा। मेला 13 मार्च पंचमी से शुरू होगा। दरबार साहिब के वरिष्ठ मीडिया प्रवक्ता भूपेन्द्र रतूड़ी ने बताया कि झंडा मेले की दून के श्रद्धालुओं के अलावा देश विदेश में रहने वाली संगतों में काफी अहमियत है।


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