उत्तराखंड में विश्वविद्यालय की परीक्षाओं पर फिर असमंजस, अक्तूबर से पहले उम्मीद नहीं


अनलॉक-चार के दिशा-निर्देशों के तहत कॉलेज खोलने पर 30 सितंबर तक रोक होने के चलते उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं पर एक बार फिर असमंजस कायम हो गया है। सितंबर के महीने में प्रस्तावित परीक्षाएं अब अक्तूबर तक टलनी तय हैं। इस कारण करीब 65 हजार छात्रों का इंतजार और बढ़ गया है। 


राज्य सरकार ने जुलाई में सभी विश्वविद्यालयों के साथ मिल-बैठ कर 24 अगस्त से परीक्षाएं शुरू कराने का निर्णय लिया था। इसी क्रम में विश्वविद्यालयों ने सितंबर माह में परीक्षाएं आयोजित करने की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए सभी को सितंबर में कॉलेज खुलने का इंतजार था।


लेकिन, बीती शनिवार को केंद्र सरकार ने कॉलेज खोलने पर रोक 30 सितंबर तक बढ़ा दी। इसलिए, उत्तराखंड में अक्तूबर मध्य से पहले परीक्षा आयोजन संभव नहीं दिख रहा है। हालांकि, यूजीसी की पूर्व में जारी गाइडलाइन में 30 सितंबर तक परीक्षाएं कराने पर जोर दिया गया था। विवि, यूजीसी से भी नई गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं।



कॉलेजों में क्वारंटाइन सेंटर हटाने के लिए डीएम को पत्र
दूसरी ओर, उच्च शिक्षा विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर डिग्री कॉलेजों में बने क्वारंटाइन सेंटर हटाने के लिए कहा है। क्वारंटाइन सेंटर हटने के बाद इन कॉलेजों को सेनेटाइज कर प्राचार्यों के हवाले किया जाना है।


हम पेपर छपाई से लेकर परीक्षा केंद्र तय करने का काम पूरा कर चुके हैं, मगर 30 सितंबर तक कॉलेज बंद होने से परीक्षाएं संभव नहीं हैं। इसके लिए सरकार को पहले कॉलेज खोलने होंगे। 
प्रो. पीपी ध्यानी, वीसी (श्रीदेव सुमन विवि)


परीक्षाएं कराना पूरी तरह विवि का काम है। इसके लिए उन्हें यूजीसी गाइडलाइन का पालन करना होगा। कॉलेजों में सिर्फ पढ़ाई पर रोक है, विश्वविद्यालय चाहें तो परीक्षा ले सकते हैं। 
आनंद वर्द्धन, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा 


सरकार और यूजीसी के बीच फंसी परीक्षा
एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल बोले, यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार 30 सितंबर तक फाइनल सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षा वाले छात्रों की परीक्षाएं आयोजित होनी हैं। मगर केंद्र सरकार कॉलेज भी नहीं खोलने दे रही है। यह स्थिति विरोधाभाषी है। अग्रवाल के मुताबिक, परीक्षाएं कराने से पहले तैयारी के लिए कम से कम 15 दिन डिग्री कॉलेज खोले जाने की जरूरत होगी। इसलिए, केंद्र और राज्य सरकार को इस पर जल्द स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।


source:Agency news


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