अब महिलाओं में कुपोषण होगा जड़ से खत्म, आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेगा अंडा, दूध, केले जैसे पौष्टिक आहार


प्रदेश की महिलाओं में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत महिलाओं को अंडा, दूध, केला जैसा पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने जा रही है। इसका फायदा पंजीकृत 1.78 लाख महिलाओं को मिलेगा। प्रदेश की गर्भवती और धात्री महिलाओं के साथ ही नवजात बच्चों में कुपोषण की समस्या रहती है। इसके लिए पिछले साल से सरकार पोषण अभियान छेड़े हुए हैं।


अच्छे नतीजे देखते हुए सरकार अब इस योजना को विस्तार देने जा रही है। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत प्रत्येक गर्भवती और धात्री महिलाओं को सप्ताह में दो दिन अंडा, केला और दूध उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग ने मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना तैयार की है।


आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत छह साल तक के बच्चों को सरकार पहले ही यह सुविधा दे रही है। हालांकि इन दिन आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं, लेकिन कोविड के हालात सामान्य होने प केंद्र खुलते ही सरकार इसे लागू करने की तैयारी कर रही है। इसी के साथ सरकार सौभाग्यवती योजना के तहत भी नवजात बच्चों को वैष्णवी किट देने की तैयारी कर रही है। इस योजना की घोषणा खुद मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में की थी। वैष्णवी किट में नवजात के लिए छह महीने तक के कपड़े से लेकर, पाउडर, साबुन उपलब्ध कराया जाएगा।


राज्य की महिलाओं में पोषण की कमी को दूर करने के लिए योजना तैयार की गई है। आंगनबाड़ी के नेटवर्क के जरिए इस पर अमल किया जाएगा। जल्द इसे लागू किया जा रहा है। 
रेखा आर्य, महिला सशक्तिकरण बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)


Source:Agency news


टिप्पणियाँ

Popular Post