बाज नहीं आ रहा चीन, अब सिक्किम और अरुणाचल सीमा पर कर रहा निर्माण का प्रयास


लद्दाख / भारत और चीन के साथ जारी तनातनी के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) चीन की नापाक इरादों के सिग्नेचर सामने आए है। बता दें कि चीन एलएसी पर एस-300 मिसाइल सिस्टम की तैनाती कर चुकी है। इसकी जानकारी रेडार के सिग्नेचर से मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने सीमा पर एस-400 मिसाइल पहले से ही तैनात की थी और अब एस-300 के सिग्नेचर की जानकारी मिली है। इंटेलिजेंस एजेंसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहली बार चीन ने वेस्टर्न थिएटर कमांड में एस-300 के रेडार सिग्नेचर पकड़े हैं। जिससे इस बात का अंदेशा हुआ कि एलएसी पर एस-300 मिसाइल की तैनाती की गई है।  चीन ने एलएसी पर तैनात एस-300 मिसाइल को रूस से खरीदा है। बता दें कि एस-300 का चीनी वर्जन एचक्यू-18 के नाम से जाना जाता है। इसकी रेंज 100 किमी तक बताई जाती है। हालांकि, कुछ मिसाइलें 150 किमी तक के टारगेट को मार सकती है। जबकि इसका रडार एक साथ 200 टारगेट्स को वैरिफाई कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एलएसी के पास चीन उन इलाकों के सामने खुद का मोर्चा मजबूत बनाने के प्रयास कर रहा है जहां पर भारत की स्थिति पहले से भी मजबूत है। ऐसे में वह तनातनी और भी ज्यादा बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक चीन अब ज्ञानत्से में अपना मोर्चा तैयार कर रहा है। यह वो इलाका है जहां से अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की दूरी एक समान है और अरुणाचल प्रदेश के तवांग पर चीन अपना दावा जताता रहा है। एक हिन्दी समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इंटेलिजेंस सूत्रों से पता चला है कि ज्ञानत्से में चीनी सेना नया निर्माण कर रही है। इस नई छावनी में 6 बटालियन एरिया है। जिसका मतलब यहां पर करीब 6 हजार सैनिकों की बड़ी ब्रिगेड की संभावना है। इसके अतिरिक्त हेडक्वार्टर और एडमिनिस्ट्रेटिव एरिया भी मौजूद रहेगा। सूत्रों ने बताया कि जनवरी में शुरू हुआ निर्माण कार्य अगले साल अप्रैल-मई तक पूरा हो सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक नए निर्माण क्षेत्र में 600 से अधिक वाहनों और उपकरणों को रखने की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए बकायदा शेड्स तैयार किए जाएंगे। वहीं, सिक्किम से सटे हुई सीमा पर भी चीन अपनी ब्रिगेड तैनात करने की योजन बना रहा है। बता दें कि सिक्किम का इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और यहां के गिपमोची पर भारत-भूटान और चीन का ट्राई जंक्शन भी है। ऐसे में अगर यहां पर चीन कोई भी निर्माण कार्य करता है तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच जारी तनातनी को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है और अब तक पांच दौर की सैन्य वार्ता भी हो चुकी है। इसके बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।


Source: Agency news


 


 


 


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