बड़ी खबर : नेतृत्व परिवर्तन की मांग। 15 से अधिक विधायक दिल्ली में। चुफाल ने नड्डा से कहा त्रिवेंद्र के नेतृत्व में नहीं लड़ेंगे तो नही लड़ेंगे


उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर दिल्ली में 15 से अधिक भाजपा विधायक दिल्ली पहुंच हुए हैं।


उत्तराखंड भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व लगातार पांचवीं पारी के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी जेपी नड्डा से मुलाकात की।


 बिशन सिंह चुफाल के साथ उत्तराखंड भाजपा से 15 से अधिक विधायक भी दिल्ली में डटे हैं।


 इन विधायकों को कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।



 इन सभी की ओर से बिशन सिंह चुफाल ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को साफ कह दिया कि “हम त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में आगामी इलेक्शन में नहीं जाएंगे, चाहे हमें पार्टी ही क्यों नहीं छोड़नी पड़ जाए।”


जेपी नड्डा ने उन्हे उचित समाधान का आश्वासन दिया है।


नाराज विधायकों का यह भी कहना था कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार भ्रष्टाचार को लेकर बुरी तरह बदनाम हो चुकी है।


 त्रिवेंद्र सरकार के नजदीकी लोगों के भ्रष्टाचार के स्टिंग और तमाम भ्रष्ट अफसरों के जंगलराज को त्रिवेंद्र सरकार के संरक्षण की रिपोर्ट भी जेपी नड्डा को दी गई।


 जेपी नड्डा ने भी कहा कि वह उत्तराखंड के हालात से भलीभांति वाकिफ है।


भ्रष्टाचार के कारण नाराज विधायक 


 गौरतलब है कि इस मुलाकात के लिए जेपी नड्डा ने विशन सिंह चुफाल को दिल्ली से काफी दिन पहले ही फोन करके बुलावा भेज दिया था।


 इससे पहले उत्तराखंड से वर्तमान हालात और भ्रष्टाचार को लेकर इंटेलिजेंस की रिपोर्ट की मंगवा ली गई थी।


 केंद्रीय नेतृत्व भी यह मानता है कि उत्तराखंड सरकार के नेतृत्व में भाजपा के हाथ से निकल गया है और ब्यूरोक्रेसी से लेकर किसी भी संस्थान पर त्रिवेंद्र सिंह रावत का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।


 पत्रकारों पर दमनकारी कार्यवाही करने के कारण त्रिवेंद्र सरकार के खिलाफ जो गुस्सा है, वह भी जे पी नड्डा के संज्ञान में लाया गया है।


 इसके अलावा बिशन सिंह चुफाल ने राजनीतिक हालातों, सीमांत के सामरिक महत्व की सड़कों, बारहमासी सड़क और पिथौरागढ़ क्षेत्र में आई आपदा के संदर्भ में भी चर्चा की।


 भाजपा से जनता के मोहभंग के पीछे त्रिवेंद्र सरकार की अक्षमता को केंद्रीय नेतृत्व ने काफी गंभीरता से लिया है।


Source : Parvatjan


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