खुलासा: लोगों में ठंड से बढ़ रहा चिड़चिड़ापन और अवसाद

 


ठंड और कोहरे की वजह से मन में खुशी पैदा करने वाले हैप्पी हारमोंस का रिसाव घट गया है। इसके उलट निगेटिव हारमोंस का रिसाव मस्तिष्क में बढ़ गया है। इससे लोगों में चिड़चिड़ापन, दिल बैठना और उदासी बढ़ गई है। जो लोग पहले से अवसाद के रोगी रहे हैं और दवाओं से उनकी स्थिति नियंत्रित थी, उनका अवसाद और बढ़ गया है। वे विशेषज्ञों के यहां पहुंच रहे हैं।

 

हैप्पी हारमोंस घटने का यह खुलासा स्वास्थ्य विभाग के मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के सर्वे में हुआ है। ठंड बढ़ने के बाद एक हजार से अधिक लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया तो इस स्थिति का पता चला है। लोगों के खुश रहने की अवधि घट गई है और मूड खराब रहने का समय लंबा हो गया है। इससे लोगों के परिवार का माहौल भी खराब हो रहा है।

 

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत महीने में नगर के 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाए गए। प्रत्येक शिविर में औसत सौ लोगों का परीक्षण किया गया। इस तरह औसत एक हजार लोगों का परीक्षण किया गया। कार्यक्रम के पूर्व जिला कोआर्डिनेटर डॉ. एसके निगम ने बताया कि परीक्षण से पता चला है कि ठंड में लोगों के उदासी के पल बढ़ गए और हंसी-ठिठौली करने का समय घट गया है।

 

ठंड और कोहरे से स्थिति और भी गड़बड़ हुई है। इससे वे ग्रंथियां सुस्त पड़ गई हैं, जो खुशी के हारमोंस का रिसाव करती हैं। जो हारमोंस व्यक्ति का मूड खराब करते हैं, वे शीत लहरी में सक्रिय हो गए हैं। शिविरों में लोगों की काउंसलिंग की गई और जिनके लक्षण अधिक जटिल थे, उनकी दवा की खुराक को दुरुस्त किया गया।

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