बगैर लाईसेंस के ब्याज का चल रहा गोरखधंधा, महाजन बन चूस रहे गरीबों का खून

 



देहरादून / उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में हर गैर कानूनी काम खुब फल-फूल रहा है। ऐसा नहीं कि पुलिस को इसकी भनक नहीं है लेकिन वो भी क्यों अपना पैर अड़ाये वर्ना राजधानी में किटी,फाईनेंन्स,कमेटी और ब्याज का कारोबार धडल्ले के साथ होता हैे। आपको बता दें कि इन सब कामों को करने के लिए किसी के पास भी लाईसेंस नहीं है फिर भी ये अवैध महाजन बने लोग गरीबों की जरूरत का फायदा उठाकर उन्हें रकम देते हैं और फिर ऊंची दर का ब्याज लगाकर उनका आर्थिक शोषण तो करते ही हैं साथ ही उनकी जमीन और मकान पर भी इन लोगों की गिद्ध नजर रहती है, जब ये लोग ब्याज न दे पाने में असमर्थ होते हैं तो जबरन ये लोग उनकी ज़मीन और मकान को रसूख दिखाकर अपने नाम करा लेते हैं। राजधानी के थानों में आये दिन ऐसे मामले आते हैं लेकिन पुलिस मध्यस्तता की भूमिका में नजर आती है जिससे इन गैरकानूनी काम करने वाले महाजनों के हौंसले बुलन्द हो जाते हैं। ऐसा ही मामला देखने को मिला चन्द्रबनी संवलाकलां में जहां सुशील खत्री, महिन्दर शाही,चन्द्रकला माथेमा,दुर्गा वस्नैत और नरेन्द्र सिंह भण्डारी व रमित राज राई ने गुट बनाकर इलाके की जरूरतमंद औरतों की पहले तो रेकी की फिर ऐसी जरूरतमंद महिलाओं को धन देने का लालच देकर पहले तो रकम दी फिर उस रकम पर ऊंची दर का ब्याज लगाकर उन्हें कर्ज तले दबा दिया, इतना ही नहीं ये घाघ लोग ब्याज की रकम न दे पाने पर उसे मूलधन बनाने की कला भी जानते हैं जबकि इनके पास मनी लेंडिंग का लाइसेंस भी नहीं हे फिर भी कानून को ठेंगा दिखाकर ये लोग रकम के बदले में उनकी जमीन,मकान, गाड़ी अपने कब्जे में कर रहे हैं।अगर पुलिस इनके खिलाफ कोई कदम उठाने में कोताही बरतती है तो ऐसे में भुक्त-भोगी परिवारों में रकम न दे पाने और इन महाजन बन बैठे लोगों के जुल्म से तंग आकर  कभी भी कोई अशुभ घटना भी घट सकती है।    

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