पुलिसकर्मियों द्वारा रोके जाने पर बेरोजगार फार्मासिस्टों की पुलिस से तीखी नोक-झोंक ,बेहोश हुई महिला

  


बेरोजगार प्रशिक्षित डिप्लोमा फार्मासिस्ट महासंघ (एलोपैथी) के बैनर तले बेरोजगार फार्मासिस्ट नियुक्ति समेत विभिन्न मांगों को लेकर आज मुख्यमंत्री आवास कूच किया।उपकेंद्रों व वेलनेस सेंटरों में पूर्व में नियुक्त 536 फार्मासिस्ट के पदों को जनहित में आईपीएचएस मानकों को फार्मेसी संवर्ग में शिथिलता बरतते हुए यथावत रखे जाने, उपकेंद्रों सहित फार्मासिस्टों के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू किए जाने व पर्वतीय क्षेत्रों में अवस्थित सभी शेष 1368 उपकेंद्रों में फार्मासिस्ट के पदों का सृजन करते हुए नियमित नियुक्तियां किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को प्रदर्शन किया गया।प्रशिक्षित बेरोजगार फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों और फार्मासिस्टों ने गांधी पार्क से लेकर सीएम आवास तक महाहुंकार रैली निकाली। महाहुंकार रैली में कई महिला फार्मासिस्ट अपने मासूम बच्चों को लेकर भी शामिल हुईं। लेकिन महाहुंकार रैली निकाल रहे फार्मासिस्ट जैसे ही हाथीबड़कला के पास पहुंचे पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। रोके जाने पर फार्मासिस्ट भड़क गए और हंगामा करने के साथ ही सरकार, शासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।आखिरकार दो घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिसकर्मियों ने धरने पर बैठे एसोसिएशन पदारधिकारियों व फार्मासिस्टों को जबरन उठाना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों व फार्मासिस्टों के बीच जमकर खींचतान होने के साथ ही धक्का-मुक्की भी हुई। कुछ फार्मासिस्ट चोटिल भी हो गए। आखिरकार पुलिस कई फार्मासिस्टों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले गई। जहां बाद में सभी को मुचलके पर छोड़ दिया गयादूसरी ओर फार्मासिस्टों पर सरकार, शासन पर फार्मासिस्टों के आंदोलन को कुचलने का आरोप लगाया है। आंदोलन के दौरान एक महिला आंदोलनकारी बेहोश हो गई। उसके बेहोश होने के साथ ही मौके पर हड़कंप मच गया।पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस को फोन किया तो आंधे घटे बाद एंबुलेंस पहुंची और वह बैरिकेडिंग के पास फंस गई। फिर महिला फार्मासिस्ट को बेहोशी की हालत में दून अस्पताल पहुंचाया। धरना स्थल से अस्पताल तक पहुंचाने में करीब एक घंटे का समय लग गया। इस दौरान महिला बेहोशी की हालत में वहीं पड़ी रही। महाहुंकार रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ शामिल हुईं। लेकिन प्रदर्शन के दौरान जैसे ही पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश पर पुलिसकर्मियों ने महिला फार्मार्सिस्टों को जबरन उठाना शुरू किया तो उनके साथ मौजूद बच्चे चीखने चिल्लाने लगे। आखिरकार बच्चों को रोता हुआ देखकर पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को वहीं छोड़ दिया, जबकि बाकी फार्मासिस्टों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले गई।दूसरी ओर फार्मासिस्टों की महाहुंकार रैली में पूर्व सीएम हरीश रावत व कांग्रेस प्रदेश अघ्यक्ष गणेश गोदियाल भी शामिल हुए। पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल पार्टी के कई पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के साथ बेरोजगार फार्मासिस्टों को समर्थन देने रैली स्थल पर पहुंचे और उन्होंने हुंकार रैली को संबोधित भी किया।  कहा कि फार्मासिस्ट के आंदोलन को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री ने झूठ बोला है। उन्होंने फार्मासिस्टों से वादा किया कि कांग्रेस के सत्ता में आते की फार्मासिस्टों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू करेगी



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