उत्तराखंड: राज्यपाल ने दून विवि के दीक्षा समारोह मे 93 छात्रों को स्वर्ण पदक से किया सम्मानित, माता मंगला और श्रीमहंत देवेंद्र दास डी-लिट की मानद उपाधि से अलंकृत

 


 देहरादून /  दून विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने स्नातक और स्नातकोत्तर इंटीग्रेटेड के मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल से नवाजा। स्वर्ण पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं का सभी विद्यार्थियों, एकेडमिक काउंसिल और एक्सक्यूटिव काउंसिल ने स्वागत किया।द्वितीय दीक्षा समारोह में समाज सेवक माता मंगला और श्रीमहंत देवेंद्र दास को डी-लिट की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षा समारोह में 2017, 2018, 2019 और 2020 के स्नातक के साथ ही परास्नातक के 2102 विद्यार्थियों को कुलाधिपति राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह की अध्यक्षता में उपाधियां प्रदान की गई।इस अवसर में उन सभी शोध विद्यार्थियों को पीएचडी और एमफिल की उपाधि प्रदान की गई, जिनकी मौखिक परीक्षा 30 नवंबर 2021 तक संपन्न हो चुकी है। दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने अपने संबोधन में बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाले इस बार के दीक्षा समारोह की थीम नारी सशक्तिकरण के ऊपर आधारित है जिसे 'सशक्त महिला सशक्त राष्ट्र' नाम दिया गया है।इसी क्रम में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जनकल्याण के क्षेत्र में पिछले कई दशकों से उत्कृष्ट और उल्लेखनीय योगदान के लिए, देश और दुनिया में उत्तराखंड को गौरवान्वित करने के लिए हंस फाउंडेशन की मुखिया माता मंगला और श्रीगुरु राम राय दरबार के श्रीमहंत देवेंद्र दास को डाक्टर आ लेटर्स की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। कुलपति ने बताया कि द्वितीय दीक्षा समारोह में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत भी उपस्थित हैं, जबकि एक दिन पहले पौड़ी के समीप धन सिंह रावत का वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो गया था। उसके बाद भी उनका बुधवार सुबह विवि के दीक्षा समारोह में पहुंचना उनकी उच्च शिक्षा को लेकर दृढ़ता को रेखांकित करता है।दीक्षा समारोह में कुल 2102 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डां मंगल सिंह मंदरवाल ने बताया कि दीक्षा समारोह की सभी लेखन सामग्री ऐपण कला से तैयार की गई है। इस मौके पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. एचसी पुरोहित, प्रो. कुसुम अरुनाचलम, प्रो आरपी ममगईं, प्रो. चेतना पोखरियाल, प्रो. हर्ष डोभाल, डा. सुनीत नैथानी, डा. श्रीधर, डा. विपिन, डा. अरुण कुमार, डा सविता, डा. राजेश भट्ट, पूर्व कुलपति सुधा पांडे उपस्थित रहे।

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