वायु प्रदूषण: दिल्ली में अगले आदेश तक स्कूल.कॉलेज बंद, 50 फीसद कर्मचारी जाएंगे ऑफिस,ट्रकों की एंट्री पर बैन

 


वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण संकट से निपटने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को कई निर्देश जारी किए। यह फैसला मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट पर हुई एक आपात बैठक के बाद लिया गया है।

बैठक में दिए गए निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। राज्य सरकारों को 22 नवंबर को इसके संबंध में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी है। सीएक्यूएम द्वारा जारी नौ पन्नों के आदेश में एनसीआर सरकारों (दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) को सलाह दी गई है कि 21 नवंबर तक कम से कम 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दें।शिक्षण संस्थानों को बंद करने के अलावा, सीएक्यूएम ने निर्देश दिया है कि दिल्ली-एनसीआर में सरकारी कार्यालयों में कम से कम 50 प्रतिशत कर्मचारियों को 21 नवंबर तक घर से काम करने की अनुमति दी जाए। निजी प्रतिष्ठानों को भी इसे लागू करने को प्रोत्साहित किया जाए ताकि वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम हो सके।आवश्यक सामान ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर, 21 नवंबर तक ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

दिल्ली-एनसीआर में अपवादों को छोड़कर सभी निर्माण और मकान गिराने की गतिविधियों पर 21 नवंबर तक रोक रहेगी। इन अपवादों में शामिल हैं- 
- रेलवे सेवाएं/स्टेशन
- स्टेशनों सहित मेट्रो रेल सेवाएं
- हवाई अड्डे और अंतर राज्य बस टर्मिनल (आईएसबीटी)
- राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा संबंधी गतिविधियां और राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं


दिल्ली-एनसीआर की सरकारों को स्पष्ट रूप से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों और वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र वाले वाहनों को रोकने के लिए कहा गया है। साथ ही यातायात के सुचारू संचालन के लिए ट्रैफिक टास्क फोर्स की टीमों को तैनात करने का निर्देश दिया गया है।दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित ग्यारह थर्मल प्लांटों में से छह को 30 नवंबर तक बंद रहने का निर्देश दिया गया है।दिल्ली और आसपास के इलाके पिछले दस दिनों से भी अधिक समय से जहरीले स्मॉग की परत से ढके हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कम से कम अगले तीन दिनों तक इसमें किसी भी सुधार की उम्मीद नहीं है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कई दिनों से 'बहुत खराब' और 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है।

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