बीएड डिग्रीधारकों को हाईकोर्ट ने दी राहत


हाईकोर्ट ने स्नातक में 50 फीसदी से कम अंकों से पास व 2011 से पहले के बीएड डिग्रीधारकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को हाल में शिक्षा विभाग की ओर से सहायक अध्यापक प्रारंभिक शिक्षा के करीब दो हजार पदों पर आवेदन करने के लिए योग्य करार दिया है।


कोर्ट ने जनरल आदेश पारित कर शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं कि इस आशय का पुन: अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करना सुनिश्चित करें, जिससे दूरदराज में रहने वाले अभ्यर्थियों को इसकी जानकारी हो सके।


मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ में हुई। मामले के अनुसार, शिक्षा विभाग ने बीती 20 नवंबर को सभी जिलों में सहायक अध्यापक के करीब दो हजार पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी।


इसमें आवेदन के लिए अभ्यर्थी का स्नातक में 50 फीसदी अंकों के साथ बीएड डिग्रीधारी होना अनिवार्य किया गया था। इसमें एनसीटीई की गाइडलाइंस का हवाला दिया गया है।


इस मामले में बागेश्वर की पूनम पंत, अर्जुन सिंह व भुवन चंद्र समेत 50 लोगों ने याचिका दायर कर 50 फीसदी अंकों की बाध्यता को चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि उन्होंने बीएड और ग्रेजुएशन 2011 से पहले कर रखा है।


यह नियम उन पर लागू नहीं होता है, क्योंकि हाईकोर्ट ने पहले भी इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। बुधवार को हाईकोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दे दी। 


 


Sources:Agency News


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