सीएम त्रिवेंद्र का बड़ा एलान अब जमीन का मालिकाना हक पत्नियों का भी होगा, जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम (जेडएलआर) में संशोधन की तैयारी


देहरादून / उत्तराखंड सरकार की योजना अगर कामयाब हुई तो प्रदेश में जल्द ही पंरपरागत रूप से चली आ रही जमीन का मालिकाना हक पत्नियों का भी होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम (जेडएलआर) में संशोधन की तैयारी कर रही है। 24 जुलाई को इस मामले में बैठक भी संभव है। सोमवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी में एक कार्यक्रम में महिलाओं के अधिकार की इस योजना को जल्द लागू करने का एलान किया। दरअसल, प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से खासा पलायन हुआ है। इसकी सबसे अधिक मार महिलाओं पर ही पड़ी है। प्रदेश मेें वंशानुगत रूप से जमीन का अधिकार पुरुष के पास रहता है और उसके बाद बेटे के पास जाता है। इस तरह की जमीन को गोल खाता कहा जाता है। इसमें एक संशोधन कुछ समय पहले हुआ, जिसके तहत विधवा को अधिकार दिया गया। अब पुत्री को भी जमीन का यह अधिकार देने पर विचार किया जा रहा है। इसी को आगे बढ़ाते हुए अब प्रदेश सरकार पत्नियों को भी गोल खातों का अधिकार देने की कोशिश में है। सचिव राजस्व सुशील कुमार के मुताबिक पत्नियों को यह अधिकार देने के लिए जमींदारी भूमि विनाश अधिनियम में संशोधन करना होगा, इसी पर विचार किया जा रहा है।


यह होगा फायदा


इसका सबसे बड़ा फायदा उन महिलाओं को होगा, जो पहाड़ में खेती का काम कर रही हैं और उनके नाम कोई जमीन नहीं है। इससे उन्हें बैंक लोन सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही महिला आत्मनिर्भरता में भी प्रदेश एक कदम आगे बढ़ाएगा।


24 को होगी बैठक


एसीएस ओमप्रकाश की अध्यक्षता में एक कमेटी भू सुधार को लेकर पहले से ही गठित है। इस समिति में विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव शामिल हैं। अब 24 जुलाई को इस समिति की बैठक है और बैठक में मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर बातचीत हो सकती है।


बंदोबस्त का काम भी आगे बढ़ा


पहाड़ों में भूमि बंदोस्त का काम भी तेजी से आगे बढ़ा है। सचिव राजस्व सुशील कुमार के मुताबिक करीब-करीब सभी विभागों के प्रस्ताव इसमें आ गए हैं। पंचायत के स्तर से शुरू पीएम की ओर से घोषित स्वामित्व योजना से ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी वाले इलाकों में इसका समाधान हो चुका है। अब खेती वाले इलाके पर काम हो रहा है। पहाड़ों में 1952 के बाद भूमि बंदोबस्त नहीं हुआ है। सीएम ने सोमवार को यह भी कहा कि भूमि बंदोबस्त को भी जल्द पूरा किया जाएगा। भूमि पर पति के साथ ही पत्नियों का भी अधिकार हो इस पर सरकार जल्द फैसला करेगी। पहाड़ में महिलाओं को लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह व्यवस्था हो जाने के बाद उन्हें परेशानी नहीं होगी।


 


 


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