दो करोड़ का पुल दो घंटे में हो गया धराशायी

 




बिजनौर/ बिजनौर के सुल्तानपुर माइनर नहर में पानी छोड़ने के दो घंटे बाद ही मध्य गंगा नहर पर बना पुल ;जलसेतु, ताश की पत्तों की तरह से बिखर गया। करीब दो करोड़ की लागत से बनाए जा रहे इस संयुक्त पुल में अभी अप्रोच रोड का निर्माण होना बाकी था। निर्माण के बाद से यह पुल अब तक दो बार टूट चुका है। इस पुल के धराशायी होते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे अफसर कमियों पर पर्दा डालने की कोशिश में लगे रहे।बिजनौर गंगा बैराज से मध्य गंगा नहर निकाली गई है। मध्य गंगा नहर अभी निर्माणाधीन है। मध्य गंगा नहर के किलोमीटर 26 पर मुबारकपुर खादर में सुल्तानपुर माइनर नहर है। सुल्तानपुर माइनर का पानी मध्य गंगा नहर के ऊपर से गुजारने के लिए साइफन;जलसेतु और सड़क पुल संयुक्त रूप से बनाया गया था। जलसेतु में नीचे पानी बहता और ऊपर से सड़क गुजरनी थी। जलसेतू लगभग बनकर तैयार हो चुका था। ऊपरी हिस्से में रास्ते को जोड़ने के लिए पुल अभी खोला भी नहीं गया था।साइफन का निर्माण पूरा होने के कारण सुल्तानपुर माइनर में रविवार की तड़के पानी छोड़ दिया गया। नहर में पानी आया तो जलसेतु पानी के बहाव को नहीं झेल पाया। कुछ ही घंटों में जलसेतु ताश की पत्तों की तरह बिखर गया। इससे अधिकारियों में हड़कंप मच गया। सूत्रों की मानें तो दो करोड़ की लागत से इस संयुक्त पुल का निर्माण कराया गया था। लगभग काम भी हो चुका था। इससे पहले ही पानी के बहाव में पुल धराशायी हो गया। सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार के चलते पुल निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया है। निर्माण सामग्री में भी अनियमितता बरती गई। 
जलसेतु के पुल की लागत करीब दो से ढाई करोड़ रुपये थी। जलसेतु का कुछ ही हिस्सा गिरा है। यह पहले टूट चुका था, जिसकी मरम्मत कराई जा रही थी। पुल के गिरने की वजह क्षमता से अधिक पानी छोड़ना रहा। 


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