असमंजस में महाराष्ट्र सरकार एनसीपी ने नहीं खोले पत्ते।

 


 


महाराष्ट्र में सत्ता का दंगल अब भी जारी है। सूत्रों के अनुसार सभी पार्टियां नए समीकरण बनाने में जुट गई हैं। भाजपा ने एनसीपी से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी है वहीं शिवसेना कांग्रेस के करीब जाती दिख रही है। शरद पवार के बयानों ने राज्य में चल रहे सियासी गतिरोध को और उलझा दिया है। 
राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भाजपा ने मुंबई में तीन दिन की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में महाराष्ट्र भाजपा के सभी विधायक शामिल होंगे। बैठक के दौरान राज्य के हालातए मध्यावधि चुनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।


अजीत पवार ने कहा कि हम गठबंधन सहयोगियों के साथ चर्चा करने के बाद ही शिवसेना को समर्थन करने पर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना का घोषणापत्र हमसे अलग थाए इसलिए हम पहले कांग्रेस के साथ साझेदारी और समझ स्थापित करेंगे। उसके बाद ही उनसे शिवसेना पर चर्चा करेंगे।


उन्होंने आगे कहा कि आज हमारे नेता जयंत पाटिल पार्टियों के बीच आगे की चर्चा के लिए महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोराट को बुलाएंगे और उन तारीखों पर चर्चा करेंगेए जब हम सरकार गठन को लेकर आगे बढ़ने के बारे में संयुक्त चर्चा कर सकते हैं।


पवार ने कहा कि आज बैठक में हमारे सभी विधायकों ने कहा कि महाराष्ट्र में जल्द से जल्द सरकार बन जानी चाहिए। मुझे जहां तक लगता है कि नए साल के पहले तक महाराष्ट्र को नई सरकार मिलनी चाहिए। 


 


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