महाभियोग की अटकलों से और बढ़ी सियासी हलचल

 


ई दिल्ली : ‘
वोट चोरी’ के आरोपों के बीच विपक्षी दल संसद के मानसून सत्र में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकते हैं। सोमवार को सामने आई कई रिपोर्टों में इस संभावना का उल्लेख किया गया। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि पार्टी लोकतांत्रिक ढांचे में उपलब्ध सभी विकल्पों पर विचार कर सकती है और ज़रूरत पड़ने पर महाभियोग प्रस्ताव भी लाया जा सकता है, हालांकि अभी तक इस पर कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है।

हुसैन ने स्पष्ट किया कि अगर स्थिति बनी तो विपक्ष नियमों के तहत लोकतांत्रिक हथकंडे अपनाने से पीछे नहीं हटेगा। उनका कहना था कि अभी महाभियोग पर चर्चा नहीं हुई है, लेकिन ज़रूरत पड़ी तो कदम उठाए जाएंगे।

इससे एक दिन पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप संविधान का अपमान हैं। कुमार ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया संविधान और कानून की धाराओं के तहत संचालित होती है और किसी भी तरह की शिकायत दर्ज कराने के लिए संबंधित व्यक्ति को शपथपत्र के रूप में गवाह बनकर आना होगा।

राहुल गांधी ने 31 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर एक लाख से अधिक वोट चोरी हुए। गांधी ने यह भी कहा कि अन्य राज्यों में भी इसी तरह की अनियमितताएं हुईं। इसके बाद कई राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने उनसे अपने दावों पर शपथपत्र दाखिल करने को कहा था, लेकिन राहुल गांधी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।

इन आरोपों और जवाबी बयानों के बाद अब विपक्षी दलों द्वारा सीईसी के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की संभावना ने राजनीतिक हलचल को और तेज़ कर दिया है। संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे पर व्यापक टकराव देखने की संभावना है।

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