‘फिलॉसोफी एंड एक्शन ऑफ आरएसएस’ पुस्तक का मुख्यमंत्री धामी ने किया लोकार्पण

 


देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को पुनर्जीवित करने की दिशा में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता के पाठ को अनिवार्य कर दिया गया है, जो एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहल है। इसके साथ ही राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून को लागू कर उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने सभी नागरिकों के लिए समान कानून की दिशा में ठोस कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक पहचान और जनसंख्या संतुलन को बनाए रखने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने बताया कि राज्य में धर्मांतरण, दंगों और जिहादी मानसिकताओं जैसे लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद के विरुद्ध कठोर कानून लागू किए गए हैं और इन पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले लैंड जिहाद के नाम पर माफिया तत्व बेशकीमती सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे थे और हरे, पीले व नीले कपड़े डालकर अवैध निर्माण किया जा रहा था, लेकिन सरकार की कड़ी कार्रवाई से अब तक सात हजार एकड़ से अधिक भूमि को मुक्त कराया गया है। इसके अतिरिक्त दो सौ से अधिक अवैध मदरसों को सील किया गया है और पांच सौ से अधिक अवैध निर्माणों को हटाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म को बदनाम करने वाले तत्वों को कतई बख्शा नहीं जाएगा और ऑपरेशन कालनेमि के माध्यम से उन पाखंडी और विधर्मियों को गिरफ्तार किया जा रहा है जो लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे घुसपैठियों को उत्तराखंड की भूमि पर कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उन्हें उनके स्थान पर वापस भेजने तक कार्रवाई जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित आईआरडीटी सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पुनः प्रकाशित पुस्तक “फिलॉसोफी एंड एक्शन ऑफ आरएसएस फॉर हिंद स्वराज” के संस्करण का लोकार्पण किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले और प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक श्री जे. नंदकुमार भी उपस्थित थे। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1951 में फादर एंथनी द्वारा लिखी गई यह पुस्तक केवल संघ की विचारधारा और कार्यपद्धति का गहन अध्ययन नहीं है, बल्कि यह हिंद स्वराज की आत्मा को समझाने का भी प्रयास है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों को संघ के प्रारंभिक संघर्षों, सेवा, त्याग और तपस्या से अवगत कराएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि जब देश में संघ को लेकर अनेक भ्रांतियाँ थीं, तब फादर एंथनी ने निष्पक्ष भाव से लिखा कि संघ कोई सांप्रदायिक संस्था नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित अनुशासित और आध्यात्मिक चेतना से ओतप्रोत संगठन है। उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं के जीवन में सेवा, समर्पण और देशभक्ति को देखा और दुनिया को बताया कि यह संगठन भारत के पुनर्निर्माण की सच्ची आधारशिला है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि फादर एंथनी के अनुसार संघ न केवल हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा को पुनःस्थापित करने का कार्य कर रहा है, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त कर समस्त भारत को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य भी कर रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी सौ वर्षों की तपोमयी यात्रा में भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण, सामाजिक समरसता, आत्मगौरव और राष्ट्रनिष्ठ सेवा की एक दिव्य धारा प्रवाहित की है।

उन्होंने आद्य सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए कहा कि जब उन्होंने वर्ष 1925 में संघ की स्थापना की, उस समय भारत न केवल राजनीतिक रूप से पराधीन था, बल्कि सांस्कृतिक और मानसिक रूप से भी विखंडित था। आज संघ की तपस्या और सेवा भावना के कारण देश के कोने-कोने में राष्ट्रीय चेतना की अखंड ज्योति प्रज्वलित हो चुकी है। जो भारत कभी गुलामी की मानसिकता से ग्रस्त था, आज वह अपनी संस्कृति, परंपराओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर गर्व करता है, और यह आत्मगौरव संघ की तपस्या का परिणाम है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि आज वर्षों से उपेक्षित रहे हमारे गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्स्थापित किया जा रहा है और इन्हें राष्ट्रीय चेतना का आधार बनाया जा रहा है। भारत अपनी जड़ों से जुड़ते हुए विश्वगुरु बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व में कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा का अंत, नागरिकता संशोधन कानून और वक्फ कानून में संशोधन जैसे कदमों के माध्यम से "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की परिकल्पना को साकार किया जा रहा है। साथ ही जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और मुफ्त राशन योजना जैसे कदमों से अंत्योदय के लक्ष्य की पूर्ति की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु संकल्पबद्ध होकर लगातार कार्य कर रही है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

टिप्पणियाँ