बिहार में बढ़ती बेरोजगारी पर कांग्रेस का हमला, एसआईआर को लेकर ईसी पर भी सवाल

 


चुनावी राज्य बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ कांग्रेस से संबद्ध भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को पटना में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान जैसे ही कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की, उन पर पानी की बौछारें की गईं और बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया। एनएसयूआई के इस प्रदर्शन ने राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, शासन की विफलताओं और आगामी विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में प्रशासन की भूमिका को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस को और तेज कर दिया है।

प्रदर्शन स्थल पर कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार न तो युवाओं को नौकरी दे पा रही है और न ही पलायन को रोकने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि बिहार आज अराजकता के दौर से गुजर रहा है और युवाओं के सवालों पर सरकार मौन साधे बैठी है। उनके अनुसार, जब सरकार के पास जवाब देने की क्षमता नहीं होती तो विपक्ष के पास प्रदर्शन और आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी। पटना के अतिरिक्त ज़िला मजिस्ट्रेट (क़ानून व्यवस्था) गोविंद पांडे ने बताया कि विरोध स्थल के आसपास के क्षेत्र में स्कूल बसों की आवाजाही और एम्बुलेंस के संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति के प्रदर्शन करना कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनता है और सार्वजनिक सुविधाओं में व्यवधान डालता है, इसलिए सड़क खाली कराना प्रशासन के लिए अनिवार्य था।

प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, और जैसे ही कुछ कार्यकर्ता बैरिकेड्स पर चढ़कर उन्हें तोड़ने की कोशिश करने लगे, पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक पीछे धकेल दिया। प्रदर्शनकारी पानी की बौछारों के बावजूद पीछे नहीं हटे और ‘एसआईआर वापस लो’ जैसे नारे लगाते रहे। अंततः प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल से कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर क्षेत्र को खाली कराया।

उधर, एसआईआर के खिलाफ यह विरोध सिर्फ पटना तक सीमित नहीं रहा। राज्य विधानसभा के बाहर भी विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के इस अभ्यास के खिलाफ मोर्चा खोला। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि यह गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची में छेड़छाड़ करने का एक राजनीतिक प्रयास है। वहीं दिल्ली में भी विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने लगातार चौथे दिन संसद परिसर में विरोध दर्ज कराया, जहां सांसदों ने मकर द्वार के पास एकत्र होकर इस अभ्यास को तुरंत रोकने की मांग की।

हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि यह कवायद निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रही है। विधानसभा चुनावों के अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है, और ऐसे में एसआईआर को लेकर छिड़ा यह विवाद अगले कुछ महीनों तक बिहार की सियासत में केंद्रबिंदु बना रह सकता है।

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