पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने किया मतदान, ग्रामीणों से भारी संख्या में वोट डालने की अपील
देहरादून : पहाड़ी क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने अपने विधानसभा क्षेत्र चौबट्टाखाल में पंचायती चुनाव के पहले चरण में मताधिकार का प्रयोग किया। विकासखण्ड पोखड़ा स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय, सेड़ियाखाल के बूथ नंबर 56 पर बुधवार की सुबह सतपाल महाराज ने वोट डालकर न केवल लोकतंत्र के इस महापर्व में भागीदारी निभाई, बल्कि ग्रामीण जनता को भी इस दिशा में प्रेरित किया।
अपने मतदान के बाद मंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और लोकतंत्र के सशक्तिकरण की सबसे अहम कड़ी है। उन्होंने प्रदेश के सभी ग्रामीण मतदाताओं से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में अपने-अपने बूथ पर पहुंचकर मतदान करें ताकि गांव की सरकारें सही मायनों में जनता की प्रतिनिधि बनें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जब तक गांवों की सरकार मजबूत नहीं होगी, तब तक संपूर्ण लोकतांत्रिक व्यवस्था भी मजबूत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव केवल जनप्रतिनिधियों का चयन नहीं होता, बल्कि यह हमारे गांवों की दशा और दिशा तय करने वाला अवसर होता है।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जनपदों में पंचायत चुनाव दो चरणों में संपन्न हो रहे हैं। पहला चरण 24 जुलाई को संपन्न हो चुका है और दूसरा चरण 28 जुलाई 2025 को आयोजित होगा। उन्होंने बताया कि इन चुनावों के माध्यम से ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के लिए ईमानदार, योग्य और कर्मठ जनप्रतिनिधियों का चयन किया जाना बेहद आवश्यक है, क्योंकि यही प्रतिनिधि न केवल स्थानीय विकास योजनाओं का संचालन करते हैं, बल्कि शासन की जमीनी नीतियों को भी लागू करने में महती भूमिका निभाते हैं।
सतपाल महाराज ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक आत्मनिर्भर और उत्तरदायी बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। पंचायत प्रतिनिधियों को अब अधिक वित्तीय अधिकार दिए जा रहे हैं, जिससे वे अपने गांव में मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, पानी, बिजली, स्वच्छता, शिक्षा, और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में त्वरित निर्णय ले सकें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण जनता का यह कर्तव्य बनता है कि वे अपने मताधिकार का सही उपयोग करें और ऐसे लोगों को चुनें जो न केवल गांव की समस्याओं को समझते हों, बल्कि उनमें समाधान की इच्छा और क्षमता भी हो।
उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में केवल सरकार की योजनाओं को लागू करने की ही जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि यह ग्रामीण आत्मनिर्भरता, सहभागिता और लोकतांत्रिक संस्कृति को जीवंत बनाए रखने का भी माध्यम है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि जब गांव जागरूक होंगे, तभी देश प्रगति करेगा। उन्होंने युवा मतदाताओं, महिलाओं और बुजुर्गों से भी विशेष तौर पर मतदान में भाग लेने का आग्रह किया।
चौबट्टाखाल क्षेत्र की भौगोलिक विषमताओं के बावजूद, मतदान केंद्रों पर अच्छी संख्या में मतदाताओं की उपस्थिति देखी गई। सतपाल महाराज ने इसे लोकतंत्र के प्रति ग्रामीण जनता की जागरूकता का प्रमाण बताते हुए सभी मतदान कार्मिकों, सुरक्षा बलों और प्रशासन का भी आभार जताया, जिन्होंने शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित किया।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जब जनप्रतिनिधि स्वयं लोकतंत्र में भागीदारी का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, तो उसका सकारात्मक प्रभाव समाज के प्रत्येक स्तर पर पड़ता है। पंचायती राज मंत्री का यह पहलु न केवल एक प्रशासनिक कर्तव्य का निर्वहन था, बल्कि लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की दिशा में एक प्रेरक कदम भी था, जो आने वाले समय में पंचायतों की भूमिका को और अधिक मजबूत और प्रभावी बनाएगा।
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