गाज़ा की चीख: न दवा, न खाना... सिर्फ़ लाशों की गिनती बढ़ती रही

 


गाजा पट्टी में मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है, और हालात इस कदर भयावह हो गए हैं कि अब कुपोषण और भुखमरी से मौतें आम हो चली हैं। मंगलवार को एक ही दिन में कम से कम 15 फ़िलिस्तीनियों की भूख से मौत हो गई, जिनमें चार मासूम बच्चे शामिल हैं। इस तरह, इज़राइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक भूख और कुपोषण के कारण मरने वालों की संख्या 101 हो चुकी है। फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इन 101 मौतों में 80 बच्चे शामिल हैं। ज़्यादातर मौतें पिछले कुछ हफ्तों में दर्ज की गई हैं, जब हालात तेजी से बदतर हुए।

स्वास्थ्य अधिकारियों और स्थानीय चिकित्सकों के अनुसार, मृतकों में छह हफ्ते का शिशु यूसुफ़ अल-सफ़ादी भी शामिल था, जिसकी मौत उत्तरी गाज़ा शहर के एक अस्पताल में हुई। वहीं, 13 वर्षीय अब्दुल हमीद अल-ग़लबान की मृत्यु दक्षिणी गाजा स्थित ख़ान यूनिस के एक चिकित्सा केंद्र में हुई। इन घटनाओं ने गाज़ा में भुखमरी के गंभीर रूप को दुनिया के सामने फिर से उजागर कर दिया है। यूसुफ़ के चाचा अदहम अल-सफ़ादी ने बताया कि बच्चे की मां पर्याप्त भोजन न मिलने की वजह से खुद कुपोषण का शिकार थी, जिसके चलते वह स्तनपान नहीं करा सकी। उन्होंने कहा, "बच्चे को दूध नहीं मिल रहा था। फार्मूला दूध कहीं उपलब्ध नहीं है, और अगर मिलता भी है तो उसकी कीमत एक टब के लिए 100 डॉलर तक है। इस स्थिति में कोई कैसे अपने बच्चे को जिंदा रख सकता है?"

यह संकट उस व्यापक मानवीय त्रासदी का हिस्सा है, जो गाज़ा में पांच महीने से जारी इज़रायली नाकाबंदी के कारण उत्पन्न हुई है। इज़रायल ने अक्टूबर से ही भोजन, ईंधन, पानी और दवाओं समेत सभी प्रकार की मानवीय सहायता की आपूर्ति को लगभग पूरी तरह बंद कर दिया था। मार्च में इज़रायल ने किसी भी प्रकार की वस्तुओं की आमद पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। हालाँकि मई से थोड़ी बहुत सहायता की अनुमति दी गई, जो कि मुख्य रूप से अमेरिका समर्थित गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) के माध्यम से पहुँचाई जा रही है, लेकिन यह प्रयास भी विवादों और हिंसा से घिरे हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जीएचएफ के सहायता वितरण शुरू होने के बाद से अब तक इज़रायली बलों ने 1,000 से अधिक फ़िलिस्तीनियों को मार डाला है। इनमें से अधिकतर वे लोग थे, जो सहायता पाने के लिए केंद्रों की ओर जा रहे थे। केवल मंगलवार को ही इज़रायली हमलों में मारे गए 81 फ़िलिस्तीनियों में से 31 वे थे, जो भोजन और जीवन रक्षक सामग्री की तलाश में निकले थे।

संयुक्त राष्ट्र ने गाजा की स्थिति को "अभूतपूर्व मानव त्रासदी" करार दिया है। हाल के दिनों में हुई बमबारी, जानमाल का नुकसान और कुपोषण से मर रहे लोगों की संख्या ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि, अब तक ठोस और प्रभावशाली मानवीय हस्तक्षेप की कमी से यह संकट और भी गहराता जा रहा है। गाज़ा के नागरिक बुनियादी ज़रूरतों के लिए जूझ रहे हैं, जबकि मौत का साया हर घर पर मंडरा रहा है।

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