पहले चौकीदार, फिर बना फर्जी दरोगा – पुलिस ने भेजा जेल
इंचौली थाना पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जो खुद को उप निरीक्षक बताकर अवैध वसूली करता था। आरोपी की पहचान शुभम राणा के रूप में हुई है, जो मुजफ्फरनगर के नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के पचेड़ा रोड स्थित अंकित विहार कॉलोनी का रहने वाला है। पुलिस ने उसके पास से पुलिस की वर्दी, नेम प्लेट, अंगोला शर्ट, पुलिस कैप, चार स्टार, एक फर्जी पुलिस परिचय पत्र और एक मोबाइल फोन बरामद किया है।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि पूछताछ के दौरान शुभम राणा ने स्वीकार किया कि वह थाना दादरी, ग्रेटर नोएडा में तैनात उप निरीक्षक बनकर लोगों को गुमराह करता था। जब पुलिस ने इस दावे की सत्यता की जांच कराई तो वह पूरी तरह फर्जी निकला। उसने कई लोगों से नकली दरोगा बनकर वसूली करने की बात कबूल की है। फर्जी दरोगा बनकर उसने मुजफ्फरनगर के शिवकुमार, सोनू कुमार और सुभाष चंद्र जैसे लोगों से धन ऐंठा।
शुभम राणा के इस झूठ का पर्दाफाश तब हुआ जब इंचौली क्षेत्र में कुछ लोगों ने उसे संदिग्ध गतिविधियों के चलते पकड़ लिया और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने जब उससे गहन पूछताछ की, तो उसके फर्जी उप निरीक्षक होने का खुलासा हुआ। इसके बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि शुभम राणा ने यह नाटक सिर्फ एक महिला से मिलने के लिए रचा था। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा के अनुसार, आरोपी की सैनी गांव में एक महिला मित्र रहती है, जिससे वह फर्जी दरोगा बनकर मिलने आया था। दोनों पहले जागरण मंडली में भजन गाया करते थे और वहीं से उनकी जान-पहचान हुई थी। आरोपी महिला से मिलने के लिए बयान लेने का बहाना बनाकर सैनी गांव आया, लेकिन परिवार को उस पर शक हुआ और पुलिस को सूचित कर दिया गया, जिसके बाद पूरा मामला खुल गया।
पूछताछ में यह भी सामने आया कि शुभम राणा पहले वन विभाग में चौकीदार के रूप में कार्यरत था और वहीं से वर्दी पहनने की आदत और नकली अधिकारी बनने की प्रेरणा मिली। उसने वर्दी कहां से ली, किससे सिलवाई और फर्जी पहचान पत्र किसके जरिए बनवाया, इन सभी पहलुओं की पुलिस अब गहन जांच कर रही है। फिलहाल आरोपी जेल भेज दिया गया है और मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच जारी है।
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