काफी अहमियत रखता है उत्तराखंड का एक उपचुनाव

  


 उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव से पहले अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा सीट के लिए राजनिति तेज बनती जा रही है। आपको बता दें कि सल्ट विधानसभा की सीट है लेकिन इसमें अगर बीजेपी या कांग्रेस में से किसी एक को भी जीत मिलती है तो दोनों पार्टी में से एक को इसका काफी जोरदार फायदा होगा। क्रिकेट में जैसे सेमीफाइनल को काफी अहम माना जाता है वैसे ही राजनिति में इस सल्ट विधानसभा पर होने वाले उपचुनाव को विधानसभा चुनाव के लिए काफी अहम माना जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी 17 अप्रैल को होने वाले एक सीट की जीत के लिए काफी मशक्कत करते नज़र आ रहे है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि हाल ही में बीजेपी ने उत्तराखंड के सीएम को बदला है।  त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री का पद सौंपने वाली बीजेपी पार्टी की समझिए परीक्षा इस समय काफी कड़ी हो गई है। हाल-फिलहाल राज्य के मुख्यमंत्री के अटपटे बयान ने बीजेपी पार्टी की फजीहत तो हुई लेकिन अचानक से सीएम की बदली यह बताती है कि पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव कितनी महत्वपूर्ण है।आपको बता दें कि 2022 में होने वाले उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव इस साल अगस्त में हो सकते हैं और यह उपचुनाव जरूरी होंगे क्योंकि नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अपने शपथ ग्रहण के छह महीने के भीतर विधानसभा के लिए निर्वाचित होना है। यह चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के लिए काफी अहम माने जा रहे है क्योंकि इस जीत से दोनों ही पार्टी की राजनिति पर काफी असर पड़ेगा। 

अगर सल्ट विधानसभा सीट बीजेपी जीती तो?

आपको बता दें कि अगर  सल्ट विधानसभा सीट बीजेपी के हाथ लगी तो इससे राज्य के बने नए मुख्यमंत्री तीरख सिंह रावत के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष चुने गए मदन कौशिक को भी काफी फायदा होगा। वहीं अगर बीजेपी हार जाती है तो पार्टी को इससे काफी तगड़ा झटका लगेगा। इससे पार्टी पर नए मुख्यमंत्री बदलने को लेकर काफी सवाल उठेंगे। वहीं बात करें कांग्रेस पार्टी की तो, अगर यह सीट कांग्रेस जीत लेती है तो इससे पार्टी को विधानसभा चुनाव में काफी फायदा मिलेगा। पार्टी को बोलने का मौका मिल जाएगा कि जनता राज्य में बदलाव चाहती है। 

कौन है दोनों पार्टी के सल्ट विधानसभा सीट का उम्मीदवार?

बता दें कि सल्ट विधानसभा सीट बीजेपी के विधायक सुरेंद्र जीना की मौत के बाद से खाली पड़ी है जिसके लिए बीजेपी ने उपचुनाव में सुरेंद्र जीना के भाई महेश जीना को चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं कांग्रेस ने फिर से इस सीट पर गंगा पंचोली को मैदान में उतारा है। इस सीट के लिए मुकाबला कड़ा है लेकिन दोनों ही पार्टी इस जीत को हासिल करने में जुटी हुई है। एक तरफ जहां बीजेपी की राहे आसान नहीं है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए यह एक कठिन परीक्षा बन चुकी है।

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