कोरोना का असर : पहाड़ों की रानी मसूरी के करीब 80 फीसदी होटल खाली, सड़कें वीरान

 

 लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण का असर पहाड़ों की रानी मसूरी के पर्यटन पर भी दिख रहा है। शहर वीरान नजर आ रहा है। सड़कें सूनी पड़ीं हैं, ज्यादातर होटल भी खाली हैं। इससे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वीकेंड पर मसूरी में हजारों की संख्या में सैलानी पहुंचते थे। शहर की धड़कन मालरोड पर्यटकों से खचाखच भरी रहती थी। वही रोड अब वीरान दिखाई दे रही। कोरोना के चलते मसूरी में पर्यटकों की आवाजाही में करीब करीब 70 फीसदी की कमी आई है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएन माथुर का कहना है कि मसूरी में हालात कुछ-कुछ लॉकडाउन जैसे हो गए हैं।आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य किए जाने से सैलानी मसूरी नहीं आ रहे हैं। सैलानी एंटीजन रेपिड टेस्ट कर रहे हैं, लेकिन सरकार उसे नहीं मान रही है। इसका खामियाजा अब पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को उठाना पड़ रहा। सरकार को मसूरी आने वाले पर्यटकों के टेस्ट की व्यवस्था कोल्हूखेत के पास करनी चाहिए। हिमाचल में पर्यटकों के आने पर किसी तरह की रोकटोक नहीं है, जिससे वहां सैलानी पहुंच रहे हैं।आरएन माथुर ने कहा कि सैलानियों की कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य रूप से मांगने की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए।वहीं, सवाय होटल के सीईओ विनीत अग्रवाल ने कहा कि पिछले वीकेंड की तुलना में यह वीकेंड पूरा खाली गया है। कोरोना के चलते अधिकांश बुकिंग कैंसिल हो गई हैं।जेपी फाइव स्टार होटल के वाइस प्रेसीडेंट अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि होटल में शादी की बुकिंग कैंसिल हो गई हैं।एडवांस बुकिंग भी अब नहीं हो रही है। पूरा होटल खाली है। शहर के करीब 80 फीसदी होटल खाली हैं।




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