ट्रम्प ने पेरिस जलवायु समझौते को बताया ‘खतरनाक’


अधिसूचना में वैश्विक जलवायु परिवर्तन समझौते से बाहर निकलने की एक वर्ष की प्रक्रिया शुरू की गई, जो तीन नवम्बर 2020 को अमेरिकी चुनाव के बाद समाप्त हो रहा है। ट्रम्प ने ओहायो के क्लीवलैंड में मंगलवार को पहले राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवारों की आधिकारिक बहस में कहा, ‘‘मैं बिल्कुल साफ और शफ्फाफ पानी और हवा चाहता हूं।



 


वॉशिंगटन /  पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से हटने के अपने प्रशासन के फैसले को सही ठहराते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि यह एक ‘‘आपदा’’ है और इससे बाहर जाने पर लोग खुश हैं। वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के उनके प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन ने सत्ता में आने पर ऐतिहासिक समझौते में फिर से शामिल होने की बात कही। ट्रम्प प्रशासन ने पिछले वर्ष नवम्बर में जलवायु परिवर्तन समझौते से अमेरिका के बाहर होने की अधिसूचना जारी की क्योंकि उसके अनुसार इस समझौते से अमेरिका के लोगों पर ‘‘अनुचित आर्थिक बोझ’’ पड़ता। अधिसूचना में वैश्विक जलवायु परिवर्तन समझौते से बाहर निकलने की एक वर्ष की प्रक्रिया शुरू की गई, जो तीन नवम्बर 2020 को अमेरिकी चुनाव के बाद समाप्त हो रहा है। ट्रम्प ने ओहायो के क्लीवलैंड में मंगलवार को पहले राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवारों की आधिकारिक बहस में कहा, ‘‘मैं बिल्कुल साफ और शफ्फाफ पानी और हवा चाहता हूं। मैं बिल्कुछ स्वच्छ हवा चाहता हूं। हमारे यहां अब सबसे कम कार्बन उत्सर्जन है। हमने अपने व्यवसाय चौपट नहीं किए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप पेरिस समझौते पर गौर करें तो हमारे मुताबिक एक आपदा था। और लोग इससे काफी खुश हैं क्योंकि हमारा व्यवसाय ठीक चल रहा है।’’




ट्रम्प बहस का संचालन कर रहे क्रिस वालास के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। वालास ने ट्रम्प से पूछा, ‘‘अपने चार वर्षों के कार्यकाल में आपने अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से हटा लिया। आपने काफी संख्या में ओबामा पर्यावरणीय रिकॉर्ड को वापस ले लिया। जलवायु परिवर्तन के विज्ञान के बारे में आपका क्या मानना है और इससे मुकाबला करने के लिए आगामी चार वर्षों में आप क्या करेंगे?’’ अमेरिका और 187 अन्य देशों ने पेरिस समझौते के तहत वैश्विक तापमान को प्राक् औद्योगिक तापमान से दो डिग्री सेल्सियस से कम के इजाफे पर रखने के लिए समझौता किया था और उन्हें डेढ़ डिग्री तक सीमित करने का प्रयास करने का फैसला किया था। दुनिया के सबसे बड़े ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जकों में शामिल अमेरिका के निर्णय की पर्यावरणविदों ने निंदा की और दुनिया के नेताओं ने उसके इस फैसले पर दुख जताया। बहस के दौरान बाइडेन ने कहा कि नवम्बर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में अगर वह जीतते हैं तो जलवायु परिवर्तन के समझौते में फिर से शामिल होंगे।



बाइडेन ने जलवायु परिवर्तन पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘पहला काम मैं करूंगा कि मैं पेरिस समझौते में शामिल होऊंगा...क्योंकि हमारे इससे बाहर होने से देखिए क्या हो रहा है। सब अलग-थलग होते जा रहे हैं।’’ बहरहाल उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की तरफ से आगे बढ़ाया जा रहा ‘ग्रीन न्यू डील’ उनकी योजना नहीं थी। ट्रम्प ने बाइडेन से कहा कि अगर जलवायु परिवर्तन को लेकर वह इतने चिंतित हैं तो जब वह सीनेटर और देश के उपराष्ट्रपति थे तो क्यों नहीं किया। ट्रम्प ने कहा, ‘‘उन्होंने इसे क्यों नहीं किया?’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन हवा में गंदगी भेज रहा है, रूस कर रहा है, भारत कर रहा है, सब कर रहे हैं। हमसे अच्छा बनने की उम्मीद की जाती है और उन्होंने कई बयान दिए। ग्रीन न्यू डील एक लाख अरब डॉलर का है न कि 20 अरब डॉलर का।’’ ट्रम्प की टिप्पणी पर बाइडेन ने कहा, ‘‘वह मेरी योजना नहीं है। न्यू ग्रीन डील।’’ बाइडेन ने कहा कि सत्ता में आने पर उनका प्रशासन इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी राजमार्गों पर पांच लाख चार्जिंग स्टेशन बनाएंगे।


Source:Agency News



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