गजब: कहीं निगम की जमीनों पर अवैध कब्जे, तो कहीं वार्डों में घुस रहे लोडेड डम्पर। जनता को हाथ जोड़ मनाते उपजिलाधिकारी


रिपोर्ट- मनोज नौडियाल


कोटद्वार। नगर निगम सरकारी जमीनों पर भू- माफियाओं की नजर लग गई है। वीरान पड़ी नगर निगम की सरकारी जमीने अब भूमाफियाओंं के लिए सोना उगलने लगी है। ऐसा ही एक मामला कोटद्वार नगर निगम में भी आया है, जहां पर भूमाफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि, जिस जमीन का सरकारी मुकदमा चल रहा है उस जमीन पर नगर निगम के कुछ पार्षदों, कर्मचारियों के साथ मिलकर भूमाफिया जमकर अवैध निर्माण कर रहे है। बताते चलें कि, कोटद्वार में पर्यटन विभाग का एक गेस्ट हाउस लम्बे समय से उपेक्षित चल रहा है। ठीक उसके समीप कोटद्वार नगर निगम की शान मोटर नगर का आलीशान गड्ढा भी कोटद्वार के सत्तासीन जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवी अधिकारियों, सरकार की नाक का बाल बने सामाजिक संगठनों की कर्मठता का परिचय दे रहा है।


उसी ताजमहल के पास भूमाफिया का झोपडा भी लगभग तैयार हो चुका है। यह झोपड़ी पूर्व में पर्यटन विभाग के आलीशान शौचालय के रूप में मौजूद थी, लेकिन अब वहां जमकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिस जगह पर निर्माण कार्य हो रहा है उसकी जानकारी न तो उप जिलाधिकारी को है, न नगर निगम उपायुक्त को और न नगर निगम के जेई, कर्मचारी इस मामले में अपने को अज्ञान बता रहे हैं। जबकि निर्माण कार्य पिछले 2 माह से लगातार जारी है। जब इसकी जानकारी हमे लगी है तो इसे कोटद्वार की जनता को बताने की जिम्मेदारी उठाते हुए अब जनता के हवाले कर दिया है। अब देखना यह है कि, जिस जनता के छोटे-छोटे निर्माण कराने के लिए नगर निगम से लेकर जिला प्राधिकरण की टीम एड़ी चोटी का जोर लगा देती है, अपने सरकारी अवैध निर्माण को ढहाने भी जाएगी या फिर जनता खुद अपने हाथों इस निर्माण को रुकवाने में कामयाब हो पाएगी।


बेलाडाट पर पार्षद संग महिलाओं ने वार्ड में डंपर घुसने पर रोके


खनन कारोबारियों को शहर के बाहर से डंपर निकालने के निर्देश जारी हुए थे, लेकिन डंपर मालिक आबादी के बीच से डमपर ले जा रहे हैं। जिसके चलते कई वार्डो में इसका विरोध होने लगा है। पूर्व में गड़ीघाट स्थित वार्ड नंबर 4-5 में इसका भारी विरोध हुआ था। मंगलवार को डंपर डिग्री कॉलेज के रास्ते बेलाडाट से गुजर रहे थे, तो बेलाडाट के पार्षद लीला कणवाल के नेतृत्व में महिलाओं और पुरुषों ने डंपरो को रोक दिया। जिसके चलते वार्ड से डंपर निकल नही पाए।


पार्षद के नेतृत्व में विरोध को बढ़ता देख पुलिस दलबल के साथ उप जिला अधिकारी योगेश मेहरा मौके पर पहुंचे और बमुश्किल वार्ड वासियों को समझाया। तथा कुछ दिन के लिए वहां से डंपर गुजरने देने के लिए क्षेत्रवासियों से अनुरोध किया। किसी भी दुर्घटना या क्षती पर उप जिलाधिकारी ने जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि, अगर वार्ड में किसी भी प्रकार का नुकसान या दुर्घटना होती है तो प्रशासन जिम्मेदारी लेता है। क्षती को पूरा करने का प्रयास करेगा। तब ग्रामीणों ने डंपरोन को जाने दिया। इस मौके पर प्रदर्शन करने वालों में वार्ड पार्षद सहित, धीरेंद्र सागर गढ़वाली, राकेश चौधरी, राहुल गुसाईं, योगेंद्र सिंह, अमित, दीपक गौड़, दीपा देवी आदि माैजूद रहे।


Source :Bright post news 


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