शर्मनाक: बदहाल स्वास्थ्य सेवाए, गर्भवती महिलाएं सड़कों पर प्रसव कराने को मजबूर

देहरादून/ उत्तराखण्ड गठन के लिये जिस मातृशक्ति ने अपने प्राणों की आहुती दी थी आज भी उनके सपनों का उत्तराखण्ड दूर-दूर तक दिखाई नही दे रहा है।


आलम यह है कि बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं व सड़क मार्ग न होने के चलते महिलाओं को सड़कों पर प्रसव कराने को मजबूर होना पड़ रहा है।


ताजा मामला उत्तरकाशी जनपद के प्रखंड नौगांव के ग्राम पंचायत हिमरोल का हैं, जहां की रामप्यारी देवी ने सड़क के आभाव मे प्रसव पीड़ा होने के दौरान पैदल चलते-चलते रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।


गौरतलब है कि वर्षों से ग्रामीणों की सड़क निर्माण की मांग को शासन- प्रशासन के की और से अनदेख किया जाता रहा है। सड़क की कमी एक बार फिर से ग्रामीण महिला रामप्यारी देवी को भुगतनी पड़ी।


रामप्यारी के पति लक्ष्मण नौटियाल बताते है की पत्नी को मंगलवार सुबह 6 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। गांव से नौगांव चिकित्सालय ले जाने को पैदल ही धीरे-धीरे निकल पड़े, लेकिन 1 किलोमीटर के पैदल मार्ग का आध हिस्सा ही हमनें 8 बजे तक तय कर पाये, क्यूंकि पैदल मार्ग बहुत ही पथरीला और उतार चढ़ाव वाला जटिल रास्ता है, जिस कारण हम समय से चिकित्सालय तक नही पहुंच पाए।


बच्चा और मां दोनों स्वस्थ


लक्ष्मण नौटियाल ने बताया की यदि रोड होती तो 2 घंटे मे हम अस्पताल पहुंचे जाते। भगवान का शुक्र है की बच्चा और मां दोनों स्वस्थ है। लेकिन यहां कई बार विधायक और पूर्व जिला पंचायत के अध्यक्ष ने रोड़ की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक सारी घोषणाएं कोरी ही साबित हुई है।


आलम यह है कि जब सरकार ने सड़क निमार्ण में रूची नही दिखाई तो युवावर्ग ने लाक डाउन मे 26 बैंड से 500 मीटर तक दुपहिया वाहनों के लिये मार्ग बनाया गया था, लेकिन चट्टान इतनी खतरनाक है की छोटे-छोटे युवाओ को तोड़ने के लिये विवश होना पड़ा।


लेकिन इस मार्ग पर चौपहिया वाहन नही जा सकता है। हिमरोल गांव के ग्रामीणों की वर्षों पुरानी सड़क की मांग को सरकारी स्तर पर नजर अंदाज किया जा रहा है जिसका खमियाजा ग्रामीणों को आये दिन भुगताना पड़ रहा है।


Source :Agency news 


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