शहरी विकास निदेशालय में “ई”कार्यप्रणाली सहित नगरीय सेवाएं हुई डिजिटलाईज्ड

विभागीय कामकाज को ई-प्लेटफॉर्म पर लाने हेतु राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत हैं राज्य में सचिवालय के कामकाज को ई-ऑफिस से जोडे जाने के पश्चात इस कड़ी में राज्य के शहरी विकास निदेशालय को भी ई-आफिस के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। निदेशालय की प्रथम ई-फाईल का बटन दबाकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के द्वारा इसकी विधिवत शुरूआत की गई। उल्लेखनीय है कि शहरी विकास निदेशालय ई-ऑफिस के रूप में परिवर्तित होने वाला राज्य का पहला निदेशालय है।


 


ई-ऑफिस लागू होने से शहरी विकास निदेशालय की समस्त विभागीय पत्रावलियों को अब डिजिटल प्लेटफार्म पर ई-फाइलिंग के रूप में परिचालित किया जायेगा नेशनल इनफॉरमेटिक सेंटर ( एन०आई०सी) एवं आई0टी0डी0ए0 के सहयोग से “ई-ऑफिस’ कार्यप्रणाली को स्थापित किया गया है।


 


शहरी विकास विभाग के द्वारा नगर निकायों के माध्यम से जनसामान्य को दी जाने वाली कतिपय महत्वपूर्ण सेवाओं को भी आज से ऑनलाइन कर दिया गया है। राज्य में अब नगरवासी संपत्ति कर, ट्रेड लाईसेंस एवं अन्य सेवाओं को ई-प्लेटफार्म पर किसी भी स्थान से प्राप्त कर सकेंगे। इन सेवाओं का भी लोकापर्ण मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के द्वारा किया गया। लोकापर्ण कार्यक्रम मे उद्घाटन स्वरूप नगर निगम देहरादून के एक व्यवसायी को ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस जारी किया गया जबकि नगर निगम रूडकी के संपत्ति कर के एक आवेदन को ऑनलाइन जमा किया गया। नगर निगम देहरादून के अन्य सेवाओं से संबंधित एक प्रकरण का भी ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करते हुए शुल्क की प्राप्ति की गई।


 


 मुख्यमंत्री के द्वारा इन महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर शहरी विकास विभाग की टीम को शुभकामनाएं दी गई। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि ई-आफिस कार्यप्रणाली लागू होने से जहाँ विभागीय कार्यप्रणाली में तेजी एवं गुणात्मक सुधार होगा वहीं नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन किये जाने से पारदर्शिता तथा जवाबदेही में भी वृद्धि होगी। साथ ही नागरिकों को इन सेवाओं की प्राप्ति सुगम, सुलभ एवं घर बैठे प्राप्त हो सकेगी, जिसकी उपयोगिता वैश्विक महामारी कोविड के दौर में सोशल डिस्टेसिंग कायम किये जाने एवं घर से अनावश्यक बाहर न आने के परिप्रेक्ष्य में और भी प्रासंगिक सिद्ध होगी।


 


शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने शहरी विकास निदेशालय मे ई-आफिस प्रणालीं लागू किये जाने तथा नागरिक सेवाओं की सरल एवं सुगम पहुँच डिजिटल माध्यम से जनसामान्य तक सुलभ बनाने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। श्री कौशिक ने कहा कि डिजिटलाईजेशन के फलस्वरूप इन सेवाओं की आपूर्ति प्रणाली में व्यापक सुधार तथा पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही नगर निकायों की सेवाओं के आच्छादन एवं राजस्व में भी व्यापक रूप से बढोत्तरी हो सकेगी।


 


सचिव, शहरी विकास शैलेश बगौली ने बताया कि नगर निकायों के माध्यम से दी जाने वाली जनआधारित सेवाओं को भी डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराने की पहल को ‘नेशनल इन्सट्टियूट ऑफ अर्बन अफेयर्स भारत सरकार तथा उनकी सहयोगी e-Gov फाउंडेशन के तकनीकी सहयोग से आरम्भ किया गया है तथा अल्पावधि में ही नगर निकायों की महत्वपूर्ण सेवाओं को ऑनलाईन किये जाने की कार्यवाही पूर्ण की गई है। श्री बगौली ने बताया अर्बन रिफार्स एवं ई-गवर्नेस को बढावा दिये जाने के उद्देश्य से निदेशालय स्तर पर एक सेल के गठन का प्रयास किया जा रहा हैं ताकि अर्बन गवर्नेस को राज्य में बेहतर किया जा सके।


 


अपर सचिव एवं निदेशक विनोद कुमार सुमन ने बताया कि शहरी विकास निदेशालय को पेपरलेस कर डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने का कार्य अत्यंत कम समय मे किया गया है जो राज्य के अन्य विभागों के लिये एक रोल मॉडल सिद्ध होगा श्री सुमन ने बताया कि ई-ऑफिस हेतु समस्त अधिकारियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा चुका है। REDMI NOT EI9 PRO नगर निगम देहरादून एवं रूडकी अपर निदेशक व संयुक्त निदेशक शहरी विकास AI QUAD CAMERA न0आई0सी0 के प्रतिनिधि भी सम्मिलित थे ।


Source :Agency news 


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