बिन पढ़ाये स्कूल ने मांगी फ़ीस होगी कार्यवाही


उत्तराखंड में लगातार प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी के मसले को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड शासन ने बड़ा आदेश जारी किया है.सचिव शिक्षा मीनाक्षी सुंदरम द्वारा हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के क्रम में आज शासनादेश जारी कर दिया गया है.



इस शासनादेश में 13 जिलों में 13 नोडल अफसरों के रूप में मुख्य शिक्षा अधिकारियों को नामित किया गया है. आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि ऐसी प्राइवेट स्कूल जो ऑनलाइन शिक्षण कार्य के बिना ही अभिभावकों से ट्यूशन भी लेने का दबाव बना रहे हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर ऐसी शिकायतें मिलती है उससे पहले प्राइवेट स्कूलों को मुख्य शिक्षा अधिकारियों के द्वारा नोटिस भेजा जाए. इसके बाद प्राइवेट स्कूलों का पक्ष भी सुनाया जाए. दोनो पक्षों को सुनने के बाद मामले पर उचित कार्रवाई की जाए. अब अभिभावक सीधे मुख्य शिक्षा अधिकारीयों से शिकायत कर सकते हैं.



सचिव शिक्षा मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि कि शिक्षा विभाग द्वारा पहले ही प्राईवेट स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के लिए आदेशित किया गया है. इसके साथ ही आदेश में यह भी कहा गया है कि छात्र अपने निजी परिस्थितियों के कारण शुल्क जमा कराने में देरी कर रहा है तो उसे स्कूल से बाहर न किया जाए. राज्य सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2020- 21 में फीस वृद्धि पर पहले ही रोक लगा दी है. आपको बताते चलें कि राज्य में फीस को लेकर 10 जून को कुंवर जपेंद्र द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद 22 जून को को हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को फीस बढ़ोतरी सबंधि नोडल अफसर तैनात करने के निर्देश दिए गए थे. आज शासन ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए आदेश जारी किए हैं.


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