राम मंदिर निर्माण तारीख को लेकर संशय बरकरार,रामनवमी से मंदिर निर्माण की चर्चाओं का जोर

 


 



लखनऊ/केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विश्व हिन्दू परिषद और साधू संतों आदि तक सभी मंदिर निर्माण की भव्यता को लेकर तो खूब दावे  कर रहे हैंं, लेकिन करोड़ों हिन्दुओं के अराध्य मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर का निर्माण कब से शुरू होगा यह कोई नहीं बता रहा है। जबकि हर राम भक्त मंदिर निर्माण की तारीख जानना चाहता है। डेढ़ सौ साल से विवाद और कोर्ट−कचहरी के चक्कर में भगवान राम का मंदिर नहीं बन पा रहा था,लेकिन अब जबकि सभी बाधाएं दूर हो गई हैं तब भी मंदिर निर्माण की तारीख को लेकर संशय बना हुआ है तो यह आश्चर्यजनक है। पहले वसंत पंचमी से मंदिर निर्माण शुरू होने की बात कही जा रही थी लेकिन समय बीतता गया और अब कहा जाने लगा है कि मंदिर निर्माण की शुरूआत रामनवनी यानी 02 अप्रैल से होगी। जन्मभमि पर मंदिर के शिलान्यास की तारीख को लेकर रामनगरी के अधिसंख्य संतों की राय है कि जब वसंत पंचमी से मंदिर निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है तो दो अप्रैल को रामनवमी के दिन जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास किया जाना उपयुक्त होगा।साधू−संतों और धर्माचार्यो द्वारा पहले राममंदिर निर्माण जैसा शुभ कार्य शुरू किए जाने के लिए 30 जनवरी को पड़ रही बसंत पंचमी को उपयुक्त माना जा रहा था पर मौजूदा परिस्थितियों में 30 जनवरी तक मंदिर का शिलान्यास संभव नहीं है। यह उम्मीद जरूर की जा रही है कि वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मंदिर निर्माण के लिए शासकीय न्यास का गठन हो जाएगा क्योंकि शासकीय न्यास के गठन के बाद मंदिर की रूपरेखा तय करने और शिलान्यास की अन्य तैयारियों के क्रम में कुछ वक्त और लगेगा। रामजन्मभूमि न्यास के महंत कमलनयनदास का कहना है कि दो अप्रैल मंदिर के शिलान्यास के लिए उपयुक्त होगा। रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रहे साकेतवासी महंत रामचंद्रदास परमहंस के शिष्टा एवं दिगंबर अखाड़ा के वर्तमान महंत सुरेशदास मंदिर का शिलान्यास में रामजन्मोत्सव से शुरू होने की उम्मीद है जता रहे हैं। अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास रामायणी का कहना है कि मंदिर निर्माण की शुरुआत के लिए रामनवमी के दिन अत्यंत सुखद योग है। बचपन ट्रस्ट के अध्यक्ष भागवदाचार्य पं0 राधेश्याम शास्त्री के अनुसार चौत्र शुक्ल नवमी का अवसर अत्यंत पवित्र है। रामकथा की अमर गाथा रामचरितमानस का प्रकाशन इसी दिन हुआ था।मंदिर आंदोलन से जुड़े गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिंह का मानना है कि शासकीय न्यास राम जन्मोत्सव के दिन मंदिर निर्माण शुरू करने की अपेक्षा से पूरा न्याय करेगा। राममंदिर के लिए अनुष्ठान करते रहे पं0 कल्किराम का कहना है कि रामजन्मोत्सव का अवसर मंदिर के शिलान्यास के लिए हर दृष्टि से अनुकूल होगा। ज्योतिष गुरु एवं निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्रदास कहते हैंए दो अप्रैल को चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क राशि में होगा। भगवान राम की भी राशि कर्क थी। इस दिन कोई भी गृह वक्री अथवा अस्त नहीं है। यह समय उचित है।


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