ड्रग फैक्ट्री को पीपीपी मोड में दिए जाने की सुगबुगाहट से आक्रोश

 


 



रानीखेत,अल्मोड़ा/गनियाद्योली स्थित कोआपरेटिव ड्रग फैक्ट्री को पीपीपी मोड में दिए जाने की सुगबुगाहट का विरोध शुरू हो गया है। सहकारी श्रमिक महासंघ का कहना है कि सरकार को फैक्ट्री की दशा सुधारने की तरफ सार्थक पहल करनी चाहिए थी, लेकिन उपेक्षा के चलते फैक्ट्री की हालात नाजुक है। उत्पादों को बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यदि इसे पीपीपी मोड में दिया गया तो विरोध में महासंघ आंदोलन शुरू कर देगा। ड्रग फैक्ट्री कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोहन नेगी ने फैक्ट्री का निरीक्षण किया और महासंघ के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा भी की।कोआपरेटिव ड्रग फैक्ट्री कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोहन नेगी ने कहा कि पीपीपी मोड में देने से फैक्ट्री की हालत और भी दयनीय हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की उपेक्षा के चलते फैक्ट्री वर्तमान में दयनीय हालत में है। जबकि पूर्व में नियमित आर्डर और पर्याप्त उत्पादन के कारण फैक्ट्री लंबे समय तक लाभ की स्थिति में थी। पहले यहां 300 से अधिक कर्मचारी तैनात थे, लेकिन सरकार की उपेक्षा के चलते वर्तमान में मात्र 30 कर्मचारियों से कार्य चल रहा है इससे पहले अध्यक्ष ने फैक्ट्री का निरीक्षण भी किया। उनके साथ महामंत्री खुशाल सिंह डोगरा, संयुक्त मंत्री विकास जोशी, पान सिंह डोगराआदि भी थे।


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