संसद पर हमले की 18वीं बरसी पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पीड़ितों को दी श्रद्धांजलि

 


 



 
नयी दिल्ली/ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्रियों ने संसद पर हमले के दौरान अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जवानों और कर्मचारियों को श्रद्धांजलि दी।  18 साल पहले 13 दिसंबर को लश्कर-.ए.-तैयबा और जैश.-ए.-मोहम्मद ;जेईएम के आतंकवादियों ने संसद पर हमला करते हुए खुलेआम गोलीबारी की जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला जवान, संसद परिसर में तैनात वॉच एंड वार्ड कर्मचारी और एक माली था। इस घटना में एक पत्रकार भी घायल हो गए थे जिनकी बाद में मौत हो गई। हमले को अंजाम देने वाले पांचों आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। राष्ट्रपति कोविंद ने एक ट्वीट में कहा कि एक कृतज्ञ देश शहीदों की बहादुरी और उनके साहस को नमन करता है जिन्होंने 2001 में संसद भवन की आतंकवादियों से रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। हम आतंकवाद के हर रूप को खत्म करने और उसे हराने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ट्वीट किया आज हम उन शहीदों को याद करें जिन्होंने आतंकवादी हमले से संसद को बचाने के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों का नमन किया। उन्होंने ट्वीट किया संसद पर इस दिन 2001 में हुए आतंकवादी हमले के दौरान बहादुरी से हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले उन बहादुर लोगों को कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा दी जा रही श्रद्धांजलि में खुद को शामिल करता हूं। नया भारत हमेशा ही उनके निःस्वार्थ भावसाहस और शक्ति के लिए आभारी रहेगा। ट्विटर पर तृणमूल कांग्रेस ने संसद हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। पार्टी ने कहा किसी भी रूप में हिंसा निंदनीय है। आएं हम सब शांति की कामना करें। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने ट्वीट किया भारत के संसद पर हमले की आज 18वीं बरसी है। इस दिन अपनी जान गंवान वाले लोगों को हृदय से याद कर रही हूं। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के प्रति है जो ड्यूटी के दौरान घायल हो गए थे। किसी भी सभ्य समाज में आतंकवाद और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।
 


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