महिला अधिकारों पर बड़ा खुलासा, 53 फीसद पति की पिटाई को नहीं मानतीं गलत

 



पटना / बिहार में बेटियां पढ़ तो रही हैं पर अधिकारों के लिए लड़ नहीं पा रहीं। सवाल चाहे आर्थिक आजादी का हो या घर चलाने का। आधी आबादी का एक चौथाई से ज्यादा हिस्सा आज भी चूल्हा.चौका और चारदीवारी को अपनी तकदीर माने बैठा है। चौंकाने वाली बात यह है कि 53 फीसद महिलाओं को कुछ परिस्थितियों में पति की पिटाई में कोई बुराई नहीं दिखती। इतना ही नहीं राज्य में 43 फीसद लड़कियों की शादियां आज भी बाल विवाह हैं। एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीटयूट ;इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर ;और जेंडर रिसोर्स सेंटर द्वारा हाल ही में पटना में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों के शोधपत्र में यह जानकारी दी गई है।


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