मराठा आरक्षण की जिद: जरांगे का पानी त्याग, समर्थकों का जोश बरकरार
मुंबई : आजाद मैदान में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा जरांगे का अनिश्चितकालीन अनशन मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। पुलिस ने बताया कि इस प्रदर्शन के लिए पहले केवल 5,000 लोगों के जुटने की अनुमति दी गई थी, लेकिन महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से करीब 40,000 से अधिक प्रदर्शनकारी पहुंच गए। बड़ी संख्या में आए प्रदर्शनकारियों ने न केवल आजाद मैदान बल्कि दक्षिण मुंबई की कई सड़कों को जाम कर दिया और 5,000 से ज्यादा वाहन खड़े कर दिए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन स्थल पर खाना बनाया, नहाए, नाचे-गाए और सार्वजनिक जगहों पर खेलकूद किया, जिससे आंदोलन के लिए निर्धारित शर्तों का उल्लंघन हुआ। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के कर्मचारियों को कई दिनों से कचरा साफ करने में मशक्कत करनी पड़ रही है। सीएसएमटी स्टेशन परिसर और आसपास की सड़कों पर बचे हुए खाने, पानी की बोतलों और अन्य कचरे का ढेर लग गया, जिसे बीएमसी ने सोमवार रात मशीनों और प्रेशर जेट से साफ किया। बीएमसी ने प्रदर्शनकारियों को कचरा निपटान के लिए बैग उपलब्ध कराए हैं और करीब 400 शौचालयों की व्यवस्था भी की है।
इस बीच, मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदर्शनकारियों से मंगलवार दोपहर तक सभी सड़कें खाली करने और सामान्य स्थिति बहाल करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि आंदोलन ने तय शर्तों का उल्लंघन किया है और इसके कारण मुंबई पूरी तरह ठप हो गई है। इसी के चलते मुंबई पुलिस ने आयोजन समिति ‘आमरण उपोषण’ और उसकी कोर टीम के आठ सदस्यों को नोटिस जारी कर आंदोलन की अवधि बढ़ाने की मांग ठुकरा दी और तुरंत आजाद मैदान खाली करने के निर्देश दिए।
जरांगे और उनके समर्थक मराठा समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके। प्रदर्शन में शामिल होने के लिए हजारों लोग ट्रकों और बसों से महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों से मुंबई पहुंचे हैं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपने वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थलों पर हटा लिया, लेकिन कई वाहन अब भी सीएसएमटी चौराहे और संपर्क मार्गों पर खड़े नजर आए।
जरांगे का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है। सरकारी जेजे अस्पताल के डॉक्टर पिछले दो दिनों से उनकी निगरानी कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने पानी पीना बंद कर दिया था, लेकिन अदालत के आदेश के बाद मीडिया से बातचीत करने के लिए कुछ घूंट पानी पिया। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरक्षण के मुद्दे पर जानबूझकर फैसला लेने में देरी करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार आसानी से मराठवाड़ा के सभी मराठों को कुनबी घोषित कर सकती है और जिलाधिकारी या तहसीलदार स्तर पर प्रमाणपत्र जारी किए जा सकते हैं।
सोमवार रात आंदोलनकारियों ने सीएसएमटी परिसर को खेल मैदान बना दिया। यहां कबड्डी, खो-खो और कुश्ती तक खेली गईं। बारिश और बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण इलाके में भारी कीचड़ हो गया, जिससे लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया। बीएमसी ने पिछले कुछ दिनों में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगभग 1,000 सफाई कर्मचारियों को तैनात किया है।
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