बारिश और भूस्खलन से प्रदेशभर में 384 सड़कें अवरुद्ध

 


देहरादून :  देहरादून और उत्तरकाशी जिलों में मौसम विभाग ने भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल ने बताया कि आने वाले दिनों में इन सभी जिलों में बारिश का दौर जारी रहेगा, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। सोमवार को भी पहाड़ से लेकर मैदान तक कई दौर की बारिश हुई। लगातार बारिश को देखते हुए गढ़वाल और कुमाऊं के अधिकांश जिलों में स्कूल बंद रखे गए, हालांकि देहरादून और हरिद्वार में स्कूल खुले रहे।

चमोली जिले में सोमवार देर शाम बदरीनाथ धाम की ऊंची चोटियों के साथ हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, नंदा घुंघटी और रुद्रनाथ की चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई। इससे जिले का मौसम अचानक ठंडा हो गया और तापमान में गिरावट दर्ज की गई। निचले क्षेत्रों में भी शाम तक ठंड बढ़ने से लोगों को गरम कपड़े निकालने पड़े।

देहरादून में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ। गजियावाला स्थित बीजापुर बांध के पास संसारी माता का मंदिर ढह गया, जिससे आसपास के मकानों को भी नुकसान पहुंचा। लगातार बारिश से शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। बीते दो दिनों से जारी बारिश से तापमान में भी भारी गिरावट आई है। रविवार को जहां अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम 23.4 डिग्री था, वहीं सोमवार को अधिकतम में 4.1 और न्यूनतम में 1.2 डिग्री की कमी दर्ज की गई।

लगातार हो रही बारिश से प्रदेश की नदियां भी उफान पर हैं। उत्तरकाशी में स्यानचट्टी पुल पर यमुना नदी का पानी चढ़ गया, जिसके बाद एहतियातन पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया। गढ़वाल मंडल में सौंग, बाणगंगा, अलकनंदा, मंदाकिनी और यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर पहुंच चुका है। वहीं, कुमाऊं क्षेत्र की कोसी और गौरीगंगा नदियों का जलस्तर भी बढ़ा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने आदेश जारी कर कहा है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए विद्यालयों में सावधानी बरती जाए और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगाई जाए।

भारी बारिश और मलबा आने से प्रदेशभर में 384 सड़कें बंद हो गई हैं। इनमें उत्तरकाशी में 70, टिहरी में 31, चमोली में 51, रुद्रप्रयाग में 39, पौड़ी में 39, देहरादून में 48, हरिद्वार में एक, पिथौरागढ़ में 28, चंपावत में तीन, अल्मोड़ा में 38, बागेश्वर में 10, नैनीताल में 25 और ऊधमसिंह नगर में एक सड़क शामिल है। बंद सड़कों से लोगों को आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और प्रशासन ने इन्हें खोलने के लिए राहत एवं बचाव दल तैनात कर दिए हैं।

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