शिक्षा में नवाचार और भारतीय मूल्यों पर बल: धामी ने गिनाई सरकार की उपलब्धियाँ
देहरादून : नानूरखेड़ा स्थित एससीईआरटी ऑडिटोरियम में गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में बोर्ड परीक्षाओं में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 75 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम देने वाले विद्यालयों के तीन-तीन प्रधानाचार्यों और श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शीर्ष 50-50 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को भी पुरस्कृत किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं मानते थे, बल्कि उसमें राष्ट्रप्रेम, नैतिक मूल्यों और सामाजिक समरसता का समावेश आवश्यक समझते थे। इसी दृष्टि से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर शिक्षा व्यवस्था को अधिक आधुनिक, व्यवहारिक और गुणवत्तायुक्त बनाने का प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म विकसित किए जा रहे हैं। साथ ही ‘हमारी विरासत’ पुस्तक के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को भारत की संस्कृति और महान विभूतियों से परिचित कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है और सभी 13 जनपदों में 1300 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। दूरस्थ क्षेत्रों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुंचाने के लिए पांच पीएम ई-विद्या चैनल भी चलाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं और मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत छठवीं से 12वीं तक के मेधावी छात्रों को हर माह छात्रवृत्ति दी जा रही है। राज्य सरकार मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजकर उनका व्यक्तित्व विकास भी कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग, एनडीए और सीडीएस जैसी परीक्षाओं की लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए पचास हजार रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। उन्होंने नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू करने का जिक्र किया और बताया कि अब तक सौ से अधिक नकल माफिया जेल भेजे जा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने के लिए पेपर लीक जैसी साजिशें रच रहे हैं। हाल ही में एक जगह की शिकायत के आधार पर अराजकता फैलाने का प्रयास हुआ, लेकिन सरकार ने इस पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालिया परीक्षा गड़बड़ी की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है और दोषियों को चुन-चुनकर गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा किसी भी युवा के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया गया है, जिसके तहत एक जुलाई 2026 के बाद केवल वही मदरसे संचालित होंगे जिनमें सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा।
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होने वाले विद्यार्थियों की संख्या 18 प्रतिशत बढ़ी है और अंक सुधार परीक्षा की सुविधा से छात्रों का दबाव भी कम हुआ है। समारोह में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक शिक्षा दीप्ति सिंह सहित अन्य शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।
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