उपाध्याय ने वंचित, गरीब और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए किया जीवन समर्पित: मुख्यमंत्री
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर देहरादून स्थित दीनदयाल पार्क में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उपाध्याय जी ने समाज के वंचित, गरीब और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार और शिक्षाएं आज भी समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत हैं और हर नागरिक को उनके आदर्शों से सीख लेने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का अंत्योदय का विचार राज्य सरकार की विकास नीति का मूल आधार है। राज्य सरकार केंद्र और प्रदेश की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि उपाध्याय जी की सोच और नीतियों को अपनाकर ही समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे उपाध्याय जी के आदर्शों को अपनाएं और समाज सेवा तथा राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इसके बाद मुख्यमंत्री आवास में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनका स्मरण किया। उन्होंने कहा कि उपाध्याय जी के जीवन का संदेश आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक है और उनके आदर्शों को जीवन में उतारकर ही समाज और राष्ट्र की सच्ची प्रगति संभव है।
इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बी.एल. संतोष, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, विधायक खजान दास सहित अन्य वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। उन्होंने भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के योगदान को याद करते हुए उनके आदर्शों को अपनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का वातावरण श्रद्धा और सम्मान से परिपूर्ण रहा। उपस्थित लोग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन पर चर्चा करते दिखे। इस अवसर ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण पहुँचाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान उपाध्याय जी की शिक्षाओं और आदर्शों को अपनाने पर जोर दिया गया और सभी ने उनके मार्गदर्शन में समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संकल्प लिया।
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