सौरभ सागर जी के प्रवचनों में गूंजी आत्मज्ञान और साधना की प्रेरणा

 


देहरादून : माजरा क्षेत्र में सकल दिगम्बर जैन समाज, श्री पुष्प वर्षा योग समिति 2025 और श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे नवदिवसीय जिनेन्द्र महाअर्चना कार्यक्रम में श्रद्धा, भक्ति और साधना का समागम देखने को मिल रहा है। यह आयोजन आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महामुनिराज के पावन सान्निध्य में हो रहा है, जो संस्कार प्रणेता, ज्ञानयोगी और जीवन आशा हॉस्पिटल के प्रेरणास्रोत भी हैं।

आज महामुनिराज का मंगल प्रवास चमन विहार क्षेत्र में सचिन जैन और अमित जैन के आवास पर हुआ। इस दौरान श्री जी की शांति धारा करने का सौभाग्य सारांश जैन (महावीर एन्क्लेव) और सुरेश जैन (मुरादाबाद) को प्राप्त हुआ।

विधान के अंतर्गत श्री जिन सहस्रनाम महामंडल विधान बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ निरंतर संपन्न हो रहा है। साथ ही प्रतिदिन अभिषेक, शांति धारा और नित्य नियम पूजा विधिपूर्वक हो रही है, जिसमें श्रद्धालु भारी संख्या में भाग ले रहे हैं।

प्रवचन में आचार्य श्री सौरभ सागर जी ने कहा कि जब तक व्यक्ति के भीतर धार्मिक संस्कार जाग्रत नहीं होते, तब तक वह केवल अपने कामकाज में व्यस्त रहता है। परंतु एक बार जब वह सत्संग में आता है, तो कब उसके भीतर धर्म के प्रति श्रद्धा जाग जाए, यह कहा नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि वे पहले भी 2019 में देहरादून आए थे, लेकिन इस बार अधिक नए चेहरे जुड़े हैं जो सेवा भावना के साथ कार्य कर रहे हैं, बिना सम्मान की आकांक्षा के।

उन्होंने निज भक्ति और जिन भक्ति के अंतर को स्पष्ट करते हुए बताया कि जिनेंद्र भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण ही असली साधना है। एक सच्चा भक्त सेवा, समर्पण और साधना के मार्ग पर ऐसा लीन होता है कि उसे खुद भी पता नहीं चलता कि वह कब अपने लक्ष्य तक पहुंच गया। ठीक वैसे ही जैसे नदी निरंतर बहती हुई समुद्र में समा जाती है—बिना किसी से मार्ग पूछे, बिना किसी अपेक्षा के। समर्पण की यही अवस्था साधक को ऊँचाई तक पहुंचाती है।

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मीडिया समन्वयक मधु जैन ने बताया कि इस आयोजन में ऑर्थोपेडिक सर्जन, एम्स गुवाहाटी के अध्यक्ष और पद्मश्री सम्मानित डॉक्टर बी. के. एस. संजय ने भी मंदिर पहुंचकर आचार्य श्री के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने अपनी स्वरचित कविताओं का एक विशेष संस्करण भी भेंट किया।

आयोजन क्रम में सार्थक जैन के यहां आहार हुआ और अमित-सचिन के यहां गुरु भक्ति का आयोजन हुआ। आचार्य श्री सौरभ सागर जी के पावन सान्निध्य में श्रद्धालुजन लगातार धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं और बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचकर गुरुदेव के प्रवचनों का श्रवण कर रहे हैं।

संध्या काल में माजरा स्थित पंचायती मंदिर में संगीतमय गुरु भक्ति एवं महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए और भक्ति रस में डूबकर दिव्य आनंद की अनुभूति की। इस अवसर पर समाज के अनेक गणमान्य सदस्य भी उपस्थित रहे और आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया।

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