बम की धमकी से स्कूल खाली कराए गए, जांच में कुछ संदिग्ध नहीं मिला
आगरा : दो प्रतिष्ठित स्कूलों—श्री राम स्कूल और ग्लोबल स्कूल—को ईमेल के माध्यम से बम विस्फोट की धमकी दी गई। इस सूचना के मिलते ही प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया और छात्रों, शिक्षकों एवं स्टाफ की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए दोनों स्कूलों को तत्काल खाली कराया गया। धमकी के बाद स्कूल परिसर में बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वॉड, अग्निशमन विभाग और दिल्ली पुलिस के विशेष दल ने मोर्चा संभाला और व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। पूरे इलाके में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती कर दी गई, जिससे स्कूलों के आसपास अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
धमकी भरे ईमेल में खौफनाक और बेहद असामान्य भाषा का प्रयोग किया गया था। खुद को 'जैक्ड आउट' कहने वाले व्यक्ति ने संदेश में लिखा था कि “तुम सब मरोगे। तुम्हारे बच्चों को मरना ही होगा... स्कूल खून-खराबे में बदल जाएगा... यह संदेश भारत के हर स्कूल के लिए है।” इस संदेश में बच्चों को निशाना बनाने की बात कही गई थी और इसे पूरे देश के लिए चेतावनी करार दिया गया था। इतना ही नहीं, मेल में 'रोडकिल', 'साइलेंस' और 'बेंजी' जैसे छद्म नामों का उल्लेख किया गया था, जिनका प्रयोग हाल के सप्ताहों में देश के विभिन्न शहरों में भेजे गए इसी प्रकार के धमकी भरे ईमेल्स में भी देखा गया है।
पुलिस अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए तुरंत कार्रवाई की और श्री राम स्कूल एवं ग्लोबल स्कूल में बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों की मदद से व्यापक तलाशी अभियान चलाया। सहायक पुलिस आयुक्त विनायक भोसले ने बताया कि तलाशी के दौरान दोनों विद्यालयों से कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है और आशंका के अनुरूप कोई विस्फोटक सामग्री भी नहीं मिली। तलाशी अभियान समाप्त होने के बाद दोनों स्कूलों में सामान्य शैक्षणिक गतिविधियाँ बहाल कर दी गईं, जिससे छात्रों और अभिभावकों को राहत की सांस मिली।
ईमेल की उत्पत्ति को लेकर पुलिस की साइबर टीम जांच में जुट गई है। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि यह ईमेल संभवतः कोलकाता से भेजा गया है। जांच अधिकारी ईमेल भेजने वाले के आईपी एड्रेस और सर्वर के विवरणों का विश्लेषण कर रहे हैं, ताकि धमकी देने वालों तक पहुँचने में मदद मिल सके। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि यह एक सोची-समझी साइबर धोखाधड़ी हो सकती है, जिसका मकसद शिक्षा संस्थानों में भय का वातावरण पैदा करना और सामान्य गतिविधियों को बाधित करना है।
ईमेल में जिस तरह से काल्पनिक, अपराध आधारित वेब सीरीज़ या वीडियो गेम की भाषा और चरित्रों का प्रयोग किया गया है, उसने इस घटना को और भी जटिल बना दिया है। ‘रोडकिल’, ‘साइलेंस’ और ‘बेंजी’ जैसे नाम पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे गए धमकी भरे संदेशों में उपयोग किए जा चुके हैं। इन नामों के लगातार दोहराव ने जांच एजेंसियों को इस पूरे मामले को किसी बड़े साइबर नेटवर्क या संगठित गिरोह से जोड़ने के लिए प्रेरित किया है।
इस घटनाक्रम के बीच, स्थानीय अभिभावकों और शहरवासियों ने बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं पर चिंता जताई है और सरकार व पुलिस प्रशासन से स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की मांग की है। वे चाहते हैं कि ऐसी अफवाहों और धमकियों को जड़ से खत्म करने के लिए साइबर निगरानी को और सशक्त बनाया जाए और स्कूलों को ऐसे हालात से निपटने के लिए पूर्व तैयारी से लैस किया जाए।
फिलहाल पुलिस इस धमकी को बेहद गंभीरता से ले रही है और तमाम सबूतों की गहराई से जांच कर रही है। अधिकारी इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या हालिया सभी धमकियाँ एक ही समूह द्वारा भेजी जा रही हैं या यह अलग-अलग घटनाएं हैं। इस तरह की घटनाएं न केवल छात्रों और शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की निरंतरता को भी बाधित करती हैं। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों पर यह जिम्मेदारी है कि वे इस तरह की हरकतों पर लगाम लगाएं और दोषियों को जल्द से जल्द कानून के शिकंजे में लाएं।
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