मुख्यमंत्री धामी ने पहल को बताया तीमारदारों की पीड़ा का समाधान

 


देहरादून : राज्य सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के तीमारदारों की सुविधा के लिए एक बड़ी पहल की। सरकार ने निर्णय लिया है कि मेडिकल कॉलेजों के पास विश्रामगृह (रैन बसेरे) बनाए जाएंगे, जहाँ तीमारदारों को ठहरने, भोजन, पेयजल, स्वच्छ शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी। इस पहल को मूर्त रूप देने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग और सेवादान आरोग्य संस्था के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की उपस्थिति में सचिवालय में यह समझौता हुआ। पहले चरण में यह सुविधा देहरादून और हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शुरू की जाएगी। भविष्य में इसे राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों तक विस्तारित किया जाएगा। समझौते के अनुसार सेवादान आरोग्य संस्था दोनों मेडिकल कॉलेज परिसरों में कुल 350 बिस्तरों की क्षमता वाले विश्रामगृहों का निर्माण करेगी। इनमें 10 बेड वाले पांच शयनागार, 8 बेड वाले दो शयनागार, और 6 बेड वाले पांच शयनागार शामिल हैं।

तीमारदारों को 55 से 75 रुपये प्रति बिस्तर की दर से रुकने की सुविधा दी जाएगी, जबकि शौचालय युक्त डबल बेड वाले 33 कमरे 330 रुपये प्रति कक्ष और एसी सहित डबल बेड वाले आठ कमरे 850 रुपये में उपलब्ध होंगे। चार बेड वाले 36 कमरे 75 रुपये प्रति बिस्तर की दर पर मिलेंगे। विश्रामगृहों में नाश्ता 20 रुपये और दोपहर व रात्रि भोजन 35 रुपये में मिलेगा, जिससे तीमारदारों को भोजन की समस्या से भी राहत मिलेगी।

इस परियोजना के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून ने 1750 वर्गमीटर और हल्द्वानी ने 1400 वर्गमीटर भूमि विश्रामगृहों के निर्माण हेतु उपलब्ध कराई है। मुख्यमंत्री धामी ने इस पहल को तीमारदारों की दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान बताते हुए किच्छा स्थित एम्स सैटेलाइट सेंटर में भी ऐसी सुविधा शुरू करने की बात कही, जिसे संस्था ने स्वीकार कर लिया।

चिकित्सा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों की कठिनाइयों को भी गंभीरता से समझती है और यही सोचकर यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सुविधा तीमारदारों को आर्थिक और मानसिक राहत प्रदान करेगी।

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