उत्तराखंड में जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा, 1000 क्विंटल खरीद का लक्ष्य
देहरादून : प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद के प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने भेंट कर परिषद द्वारा राज्य में संचालित की जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी साझा की। इस दौरान बैठक में राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने, किसानों को जागरूक करने, उन्हें प्रशिक्षण देने तथा जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण एवं विपणन को लेकर किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य के किसानों को जैविक खेती के क्षेत्र में और अधिक सशक्त बनाना एवं उनकी उपज को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के प्रयासों की समीक्षा करना था।
प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने बताया कि परिषद द्वारा राज्य के किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 23 जुलाई को वर्चुअल माध्यम से एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड (एनसीओएल) और उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद के बीच विचार-विमर्श होगा। इस बैठक का उद्देश्य राज्य के जैविक उत्पादों को व्यापक स्तर पर बाजार उपलब्ध कराना और किसानों की उपज को बेहतर मूल्य दिलाना रहेगा।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि पिछले वर्ष एनसीओएल द्वारा उत्तराखंड के किसानों से 400 क्विंटल जैविक धान (पैडी) की खरीद की गई थी और इस वर्ष यह लक्ष्य बढ़ाकर 1000 क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह राज्य के जैविक किसानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और जैविक उत्पादों को बाजार में पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि बोर्ड का प्रयास है कि राज्य का हर किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर हो और रासायनिक खेती से होने वाले दीर्घकालिक नुकसान से बच सके।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में परिषद द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि आज के समय में जैविक उत्पादों की मांग न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है। यह उत्तराखंड जैसे प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर राज्य के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिसे किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के माध्यम के रूप में उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक ठोस, प्रभावी और दीर्घकालिक कार्य योजना तैयार की जाए, ताकि उन्हें जैविक खेती की ओर आकर्षित किया जा सके।
मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार किसानों को बेहतर सुविधाएं, वैज्ञानिक पद्धतियों पर आधारित प्रशिक्षण, बाजार में उचित दाम और विपणन सहायता देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सुझाव दिया कि जैविक खेती को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित छोटे किसानों पर विशेष ध्यान दिया जाए और उन्हें समूहबद्ध कर सहकारी संरचना के माध्यम से उत्पादन और विपणन की सुविधा प्रदान की जाए।
बैठक के अंत में कृषि मंत्री ने विश्वास जताया कि उत्तराखंड निकट भविष्य में जैविक उत्पादों के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित होगा और यहां के किसान देशभर में एक मिसाल कायम करेंगे। जैविक खेती को ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण और कृषि आधारित रोजगार सृजन से जोड़ते हुए राज्य सरकार इसे एक आंदोलन का रूप देना चाहती है, जिसमें किसान, प्रशासन और बाजार तीनों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
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