रेखा आर्या ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से स्वरोजगार योजना के प्रचार पर दिया जोर

 


हल्द्वानी : नगर क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने गुरुवार को तीन नए आंगनबाड़ी केंद्र भवनों का लोकार्पण किया। ये भवन हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र के राजेंद्र नगर प्रथम (राजपुरा), सुभाष नगर चतुर्थ और दमुवाढूंगा मल्ली बमौरी में बनाए गए हैं। प्रत्येक भवन के निर्माण में लगभग 18.57 लाख रुपये की लागत आई है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र केवल एक भवन नहीं होते, बल्कि यह स्थान बच्चों को पोषण, प्राथमिक शिक्षा और संस्कार देने का आधार बनते हैं। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार किया जाता है और यह उत्तराखंड जैसे राज्य के सामाजिक और शैक्षिक विकास की नींव रखते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अगर बच्चों की प्रारंभिक अवस्था में उन्हें सही पोषण, शिक्षा और देखभाल मिलेगी तो प्रदेश को योग्य, सक्षम और संस्कारी मानव संसाधन मिलेगा।

मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में राज्य में 7000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की नियुक्ति की गई है, जिससे राज्य भर के आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्य क्षमता और प्रभावशीलता में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रेरित किया कि वे अपने केंद्रों को सिर्फ पोषण और शिक्षा के केंद्र न मानें, बल्कि सामाजिक चेतना और महिला सशक्तिकरण के केंद्र के रूप में भी विकसित करें।

कार्यक्रम में भाजपा अनुसूचित मोर्चा अध्यक्ष रविंद्र बाली, रजनी बाली, पार्षद प्रीति आर्या, भरत वल्दिया, हेमंत साहू, वीरेंद्र जायसवाल, हीरालाल साहू, पार्षद पंकज त्रिपाठी, पूर्व पार्षद राजेंद्र भाकुनी, पार्षद नेहा अधिकारी, दिनेश वर्मा और विक्रम अधिकारी समेत कई जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने भवनों के लोकार्पण पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं से "एकल महिला स्वरोजगार योजना" के प्रचार-प्रसार पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि कार्यकत्री और सहायिकाएं अपने क्षेत्र की पात्र महिलाओं को इस योजना की जानकारी दें ताकि वे सरकार से सहायता प्राप्त कर स्वरोजगार स्थापित कर सकें। उन्होंने कहा कि यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है, जिसे जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश भी गया कि सरकार केवल योजनाओं को लागू करने तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके क्रियान्वयन और जनहित में प्रभावी उपयोग को भी सुनिश्चित कर रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों के इस विस्तार और मजबूती से ना सिर्फ बच्चों को बेहतर बचपन मिलेगा, बल्कि महिलाओं के लिए भी सामाजिक-आर्थिक अवसरों का विस्तार होगा।

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