पुरी रथ यात्रा 2024: चैटबॉट बताएगा सही मार्ग, पार्किंग और भीड़ की जानकारी
ओडिशा : पुरी में 27 जून से शुरू हो रही जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर इस बार सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिहाज़ से अभूतपूर्व तैयारी की गई है। यह रथ यात्रा देश की सबसे प्रसिद्ध धार्मिक यात्राओं में से एक है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हर साल भाग लेते हैं। इस साल की यात्रा को विशेष बनाते हुए पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की तैनाती की गई है और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का व्यापक उपयोग किया जा रहा है।
पुरी प्रशासन और ओडिशा पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पहली बार यात्रा मार्ग और शहर में निगरानी के लिए AI-सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से भीड़ की वास्तविक समय में निगरानी की जाएगी। जहां भी भीड़ अधिक होगी, वहां तत्काल प्रभाव से मार्ग डायवर्ट किया जाएगा और सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे।
श्रद्धालुओं की सहायता के लिए चैटबॉट आधारित डिजिटल गाइड की भी शुरुआत की गई है। यह चैटबॉट यात्रियों को भीड़ वाले क्षेत्रों की जानकारी, पार्किंग स्पॉट की उपलब्धता, डायवर्ट किए गए मार्गों और सबसे सुगम रास्ते की जानकारी देगा। तकनीक के इस उपयोग से श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन प्राप्त होगा और वे परेशानी से बच सकेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ओडिशा के डीजीपी वाईबी खुरानिया ने जानकारी दी कि इस बार यात्रा में 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जो पिछले वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक है। इसके अतिरिक्त, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF) और अन्य अर्धसैनिक बल भी मौजूद रहेंगे। पहली बार NSG की क्विक एक्शन टीम और स्नाइपर्स भी तैनात किए गए हैं, जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
आसमान से निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग दोगुना कर दिया गया है और अनधिकृत ड्रोन की पहचान कर उन्हें निष्क्रिय करने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम भी तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के संचालन के लिए एकीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहाँ विभिन्न एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं।
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। शहर में कई सहायता केंद्र बनाए गए हैं, जहाँ महिलाओं और बच्चों को हर संभव मदद दी जाएगी। इन केंद्रों पर प्रशिक्षित कर्मचारी, चिकित्सा सहायता और रेस्क्यू टीम तैनात की गई हैं।
पुरी प्रशासन का कहना है कि यह पहला अवसर है जब तकनीक, सुरक्षा और सेवा को एक साथ जोड़कर यात्रा को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की कोशिश की गई है। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे अधिकृत मार्गों और निर्देशों का पालन करें, तथा किसी भी तरह की परेशानी होने पर सहायता केंद्रों या पुलिसकर्मियों से संपर्क करें।जगन्नाथ रथ यात्रा, जो आस्था और संस्कृति का प्रतीक है, इस वर्ष आधुनिक तकनीकी सहायता और अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजामों के साथ और भी खास हो गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि श्रद्धालु शांतिपूर्वक और सुरक्षित ढंग से भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर सकेंगे।
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