अस्पताल बना आतंक का मंजर, स्ट्रेचर नहीं तो गोद में उठाकर बचाई मरीजों की जान
शाहजहांपुर : रविवार शाम शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक भयावह दृश्य देखने को मिला, जब अचानक परिसर में मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। करीब ढाई घंटे तक मेडिकल कॉलेज भय और अनिश्चितता के माहौल से घिरा रहा। मरीजों और उनके तीमारदारों को जैसे ही कुछ अज्ञात खतरे का एहसास हुआ, वे जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। हालात ऐसे बन गए कि मरीजों को बिना स्ट्रेचर के कंधों पर, गोद में उठाकर अस्पताल से बाहर निकाला गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शाम करीब साढ़े चार बजे सब कुछ सामान्य चल रहा था। मरीजों के परिजन उनके साथ थे, डॉक्टर अपने काम में व्यस्त थे और परिसर में सामान्य गतिविधि जारी थी। तभी अचानक कुछ लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हुई। कुछ ही मिनटों में यह समस्या कई लोगों को होने लगी और अफवाह फैल गई कि अस्पताल परिसर में किसी जहरीली गैस का रिसाव हुआ है।
इसके बाद तो लोग बेकाबू हो गए। जिसे जो रास्ता दिखा, वह उसी ओर भागा। मेडिकल कॉलेज के छोटे प्रशासनिक गेट की ओर जब भीड़ उमड़ी तो वहां भगदड़ जैसे हालात बन गए। कई लोग नीचे गिर गए और उन्हें रौंदते हुए अन्य लोग बाहर निकलते गए।
स्थिति इतनी विकट हो गई कि अस्पताल का स्टाफ भी पूरी तरह असहाय नजर आया। स्ट्रेचर और व्हीलचेयर की कमी के कारण तीमारदारों को मरीजों को गोद में या पीठ पर लादकर बाहर निकालना पड़ा। एक तीमारदार मोरपाल ने बताया कि वह किसी काम से बाहर गया था और जैसे ही लौटा, उसने देखा कि लोग भाग रहे हैं। उसे कुछ समझ नहीं आया, लेकिन कुछ ही देर में उसकी आंखों में भी जलन शुरू हो गई। तभी उसे पता चला कि कुछ गड़बड़ है।
घटना के कई घंटे बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लोगों को जलन और घबराहट क्यों हुई। प्रारंभिक जांच में गैस रिसाव की बात कही जा रही है, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान नहीं आया है। वहीं कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि किसी रासायनिक दवा या कीटनाशक का छिड़काव हो सकता है, जिसकी तीव्र गंध और प्रभाव ने लोगों को प्रभावित किया।
घटना के बाद जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं। न तो समय रहते कोई चेतावनी दी गई, न ही अफरा-तफरी को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त व्यवस्था दिखी। कई तीमारदारों ने यह भी आरोप लगाया कि गेट बंद होने के कारण लोग फंस गए और गिरने की वजह से कई घायल हो गए।
घटना के बाद पूरे शहर में चर्चा का विषय यही बना रहा। मेडिकल कॉलेज में भर्ती कई गंभीर मरीजों के इलाज में भी बाधा आई। परिजन मांग कर रहे हैं कि घटना की निष्पक्ष जांच की जाए और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अस्पताल प्रबंधन को सतर्कता और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को बेहतर करना चाहिए।
शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज की यह घटना न केवल एक प्रशासनिक चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आपातकालीन स्थिति में हमारी स्वास्थ्य प्रणाली कितनी असहाय हो सकती है। उम्मीद है कि जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी और आगे से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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