मध्य प्रदेश: पुलिस कमिश्नर सिस्टम पर मंडराये संकट के बादल ,विरोध में उतरे अफसर वकील

 


 मध्य प्रदेश में 40 साल से पुलिस कमिश्नर सिस्टम के प्रस्ताव का इस बार फिर विरोध शुरू हो गया है। अभी भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ ने अभी इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी बनाकर रखी है लेकिन राज्य प्रशानिक सेवा और राजस्व अधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है। मप्र राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय मांगा है। वहीं वकीलों के संघ ने भी इस फैसले के खिलाफ अपनी बात रखना चाही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का ऐलान किया था। अभी इसका प्रारूप तैयार हो रहा है लेकिन इसके लागू होने के पहले एकबार फिर प्रशासनिक अधिकारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ, मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ और राजस्व अधिवक्ता प्रकोष्ठ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ की महासचिव मल्लिका निगम नागर ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किए जाने की घोषणा की गई है लेकिन इसे लागू करने के पहले वे अपना पक्ष रखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए समय मांगा है। मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी के प्रांतीय अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का सीधा असर जनता पर पड़ेगा। इसलिए इस पर फैसला लेने के पहले मंत्रिमंडलीय समूह, सचिव स्तरीय समूह, अधिवक्ता परिषद, जन प्रतिनिधियों और नागरिक संगठनों से चर्चा की जाना उचित होगा। इस तरह एक पक्षीय निर्मय लिया जाना न्यायसंगत नहीं होगा। इसी तरह राजस्व अधिवक्ता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष धर्मेंद्र वाधवानी ने भी विभिन्न स्तर पर चर्चा के बाद ही पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू किए जाने की मांग रखी है। 

टिप्पणियाँ

Popular Post