राज्य के दर्जाधारियो को हटाने को लेकर ये नेता धरने पर बैठे.


पिथौरागढ़, 14 जून। प्रदेश सरकार के दायित्वधारियो को हटाने की मांग को लेकर आज जिप सदस्य जगत मर्तोलिया ने घर पर धरना देकर प्रर्दशन किया. सरकार के खिलाफ एकल नारेबाजी भी की.कहा कि कोरोना महामारी के कारण राज्य की वित्तीय स्थिति नाजुक दौर में है, ऐसे में सरकार को वित्तीय अनुशासन का उदाहरण देते हुए दर्जाधारियो को हटा देना चाहिए.


 जिप सदस्य जगत मर्तोलिया ने दो दिन पहले धरना प्रदर्शन की अपील की थी. पूर्व में जारी घोषित कार्यक्रमानुसार जिप सदस्य मर्तोलिया ने अपने घर में दो घंटे धरना दिया. धरने के दौरान एकल नारेबाजी कर सरकार को चेताया. इस मौके पर कहा कि उत्तराखंड राज्य अदूरदर्शी नियोजनकर्ताओं के हाथो में आने के कारण पहले से ही कर्ज में डुबा हुआ है. राज्य में जन्म लेने वाला बच्चा सिर में बीस लाख रुपये के कर्ज के बौझ के साथ धरती पर आ रहा है. सत्ता व नौकरशाहो ने अपने हित के लिए जनता के टैक्स के रुपयो से राजशाही का आनंद लिया है. मर्तोलिया ने बताया कि कर्ज के रसातल में पहुंच चुके राज्य की हालात कोरोना महामारी ने खस्ता कर दिया है. करोना टेस्ट के लिए एकमात्र सुशीला तिवारी मेड़ीकल कालेल हल्दानी में बने लैब में तकनीकी खराबी आ जाने से लैब 11 जून से बंद है, सरकार के पास उसका विकल्प बनाने के लिए बजट नहीं है. सरकार " काम के न काज के दुश्मन अनाज के " कहावत चरितार्थ करने वाले दर्जाधारियों पर प्रतिमाह करोड़ो रुपये खर्च कर रही है. जिप सदस्य मर्तोलिया ने कहा कि कर्मिको के भत्ते, वेतन, नयी नौकरी , बुनियादी सुविधाएं, स्वरोजगार के अवसर, कृषि यंत्र,बीज एवं खाद की सब्सिड़ी सब फ्रीज किया जा रहा है.कहा कि सरकार को दर्जाधारियों को हटाकर उक्त फ्रीज फैसलो को खोलते हुए किसानो के एक लाख रुपए तक के कृषि लौन माफ करना चाहिए.उन्होंने बताया कि आज के धरना प्रदर्शन के समर्थन में राज्य में जगह जगह पर धरना देकर आंदोलन को बल दिया गया. मर्तोलिया ने कहा कि वित्तीय अनुशासन की यह पहली मांग है,इसके बाद एक एक मांग को हर बार उठाया जायेगा.


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