नेपाल को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिया बड़ा बयान


देहरादून। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उत्तराखंड में वर्चुअल (ऑनलाइन) रैली की। इस दौरान उन्होंने कहा कि लिपुलेख में रोड बनने के कारण नेपाल को जो भी गलतफहमी हुई है, उसे बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। हमारा नेपाल के साथ बहुत गहरा संबंध है। दोनों देशों के बीच का रिश्ता सामान्य नहीं है। हम ‘रोटी-बेटी’ के रिश्ते में बंधे हैं और दुनिया की कोई भी ताकत इसे तोड़ नहीं सकती।


 


नेपाल ने 18 मई को नया नक्शा जारी किया


 


भारत ने लिपुलेख से धारचूला तक सड़क बनाई है। रक्षा मंत्री ने 8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया था। इसके बाद ही नेपाल की सरकार ने विरोध जताते हुए 18 मई को नया नक्शा जारी किया था। भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी।


 


‘नया नक्शा ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं’


 


भारत ने कहा था- यह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है। हाल ही में भारत के सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन का नाम लिए बिना कहा था कि नेपाल ने ऐसा किसी और के कहने पर किया।


 


कब से और क्यों है विवाद?


 


नेपाल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1816 में ब्रिटिश-नेपाल युद्ध के बाद सुगौली समझौते पर दस्तखत हुए थे।


 समझौते में काली नदी को भारत और नेपाल की पश्चिमी सीमा के तौर पर दिखाया गया है।


इसी आधार पर नेपाल लिपुलेख और अन्य तीन क्षेत्र अपने अधिकार क्षेत्र में होने का दावा करता है।


हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। दोनों देशों के पास अपने-अपने नक्शे हैं।


 


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