इस बार हरिद्वार, ऋषिकेश और नीलकंठ में नहीं दिखाई देंगे भोले भक्त। कांवड़ यात्रा स्थगन पर तीन राज्यों की सहमति


देहरादून। कोविड-19 के चलते इस वर्ष कांवड़ यात्रा नहीं होगी। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने यात्रा को स्थगित करने का यह फैसला सामूहिक तौर पर लिया है।


शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांवड़ यात्रा के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया। बैठक में सामूहिक सहमति बनी कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया जाए। प्रदेश सरकारों को कांवड़ संघों और संत-महात्माओं से भी यही प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।


जुलाई माह में कांवड़ यात्रा संचालित की जानी थी। यात्रा में करोड़ों की संख्या में कांवडिय़े हरिद्वार पहुंचते हैं। हरिद्वार से गंगाजल कांवड़ में भरकर अपने यहां शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। यात्रा के दौरान सरकार के स्तर से कानून व्यवस्था व यातायात को लेकर कई तरह के इंतजाम करने पड़ते हैं।


कावंडिय़ों की भारी संख्या के चलते इस दौरान हरिद्वार शहर को भी बंद भी करना पड़ता है। सर्वाधिक कांवडिय़े उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आते हैं। इसी के तहत प्रदेश मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया था कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वार्ता की जाए।


वार्ता के दौरान तीनों राज्यों के अध्किारियों ने कोविड-19 के कारण संक्रमण फैलने को लेकर आशंका जताई। कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत भारी भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थता जताई गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोविड-19 को रोकने के लिए बहुत जरूरी है कि लोगों को बड़ी संख्या में एकत्र होने से रोका जाए। लोग जलाभिषेक स्थानीय स्तर पर निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए कर सकते हैं।


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यात्रा में पंजाब, राजस्थान और दिल्ली आने वाले श्रद्धालुओं के चलते वहां के मुख्यमंत्रियों से शीघ्र वार्ता करने का निर्णय लिया है। इन राज्यों को भी कोविड-19 के चलते यात्रा संचालन में आने वाली दिक्कतों से अवगत करवाया जाएगा। इस बार यात्रा संचालित नहीं करने की स्थितियों की जानकारी भी दी जाएगी।


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