कोरोना संकट में मजदूरों की भूख मिटाने आगे आई ऋतु गोयल


देहरादून : पूरी दुनिया में कोहराम बचाने वाला रोना वायरस अब वैश्विक स्तर पर मानव सभ्यता का सबसे बड़ा खतरा बढ़ गया है.


देश और दुनिया में कोरोना वायरस ने जान और माल की क्षति बड़े पैमाने पर हुई है. इसमें दुनियाभर में कई लाख लोगों ने अपनी जान गंवा दी. लोगों की जान सो गई लेकिन इसके साथ दुनिया भर की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई. भारत जैसे देश में जहां बड़ी संख्या में गरीबी रेखा से नीचे लोग होते हैं, जो दैनिक मजदूरी पर जीवन बसर करते हैं, ऐसे मजदूर और मजबूर लोगों के लिए कामकाज ठप हो जाने के कारण अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी दे पाना मुमकिन नहीं है. आज सुर्खियों में कोरोना वायरस से जुड़ा सबसे संकट जो सामने आया है वह है मजदूर वर्ग की भूख.


कहावत है कि “पेट की आग बुझाने के लिए इंसान कुछ भी कर गुजरता है” और यह हकीकत भी है. देश के ये मजदूर और बेसहारा लोग अपने परिवार के पालन- पोषण के लिए हर संभव प्रयास करते हैं.


गौरतलब है कि भारत में आज की तारीख में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा डेढ़ लाख से भी ऊपर जा पहुंचा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को पहले लोग डाउन की घोषणा की थी, जो जरूरत के मुताबिक आगे बढ़ाने पड़ी और यह आज तक जारी है. ऐसे में इन दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले गरीब असहाय मजदूरों के पास नाही रोजगार है और ना ही पैसा जिससे वे अपने बच्चों के मुंह में निवाला दे सकें लेकिन कुछ कोरोना योद्धाओं ने इन मजबूर मजदूरों की एक फरिश्ते के रूप में मदद की जिनमें से एक है ऋतु गोयल.


 


ऋतु गोयल संस्कार भारती करनपुर इकाई अध्यक्ष है जो इस संकटकाल में समाज सेवा में कार्यरत है. ऋतु गोयल ने करीब 70 लोगों के लिए राशन किट बाटी ताकि वह 70 परिवार अपने घर के सभी सदस्यों का पेट भर सके और इसके साथ ही उन्होंने अपने क्षेत्र के सफाईकर्मियों का भी सम्मान किया और धन्यवाद किया क्योंकि इस संक्रमण से मुक्ति के लिए सफाईकर्मियों के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है.


इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखते हुए कार्यक्रम संपन्न हुआ.


 


कार्यक्रम में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सविता कपूर ,बलदेव पाराशर ,सुनील अग्रवाल ,फतेह चंद्र ,यामा शर्मा, श्रीकांत और राजकुमार गोयल मौजूद रहे.



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