गरीबों और वंचितों की आवाज बने रहे पं. गोविंद बल्लभ पंत: मुख्यमंत्री

 


देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रखर वक्ता, समाज सुधारक एवं भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पंडित पंत न केवल स्वतंत्रता संग्राम के प्रखर सेनानी थे बल्कि भारत के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में उनका योगदान अविस्मरणीय है। वे ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपने कर्म और विचारों से समाज को नई दिशा देने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पं. गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने और उसके बाद स्वतंत्र भारत में गृह मंत्री के रूप में उन्होंने जो कार्य किए, वे आज भी देश की प्रशासनिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में पंत जी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उनके द्वारा दिए गए विचार और नीतियां आज भी देश को मजबूत करने में सहायक हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि पंत जी का जीवन राष्ट्र सेवा, जनसेवा और समाज सुधार के लिए समर्पित था। वे सदैव गरीबों, वंचितों और पिछड़े वर्ग के लोगों की आवाज बने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार संघर्षरत रहे। उनके कार्य हमें यह संदेश देते हैं कि सच्ची राजनीति वही है जो जनकल्याण और राष्ट्रहित के लिए की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंत जी के विचार और सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे पं. गोविंद बल्लभ पंत के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करें। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यदि हम सभी उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतार लें तो समाज और देश दोनों ही नई ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं।

इस अवसर पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी पं. गोविंद बल्लभ पंत को श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके योगदान को स्मरण किया। वातावरण उनके देशभक्ति से ओतप्रोत विचारों की गूंज से भर उठा और सभी ने यह संकल्प लिया कि पंत जी की राष्ट्र सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाया जाएगा।

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