आउटसोर्सिंग से तैनात कर्मियों को मिलेगा 15 हजार रुपये मानदेय

 


देहरादून : विद्यालयी शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यालयों और विद्यालयों में लंबे समय से रिक्त पड़े 2364 चतुर्थ श्रेणी पदों पर अब शीघ्र ही भर्ती की जाएगी। सरकार ने निर्णय लिया है कि इन पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरा जाएगा और इसमें स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा विभाग में बुनियादी ढांचे के साथ ही पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराने के प्रयासों में जुटी है। इसी क्रम में मृत संवर्ग के अंतर्गत आने वाले 2364 चतुर्थ श्रेणी पदों को आउटसोर्स पदों में परिवर्तित करने की मंजूरी दी गई है और शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।

निर्देशानुसार महानिदेशालय, माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षा निदेशालय, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, एससीईआरटी, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर, मंडलीय अपर निदेशक कार्यालय, समस्त डायट, मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में कुल 334 पदों को आउटसोर्सिंग के लिए परिवर्तित कर दिया गया है। इसके अलावा, 1000 से अधिक छात्र संख्या वाले प्रत्येक इंटर कॉलेज में दो परिचारक और एक स्वच्छक/सह-चौकीदार की व्यवस्था की जाएगी। 500 से 1000 छात्रों वाले इंटर कॉलेजों में एक-एक परिचारक और चौकीदार नियुक्त होंगे, जबकि 500 से कम छात्र संख्या वाले इंटर कॉलेज और हाईस्कूलों में एक-एक चौकीदार का पद स्वीकृत किया गया है। नए उच्चीकृत विद्यालयों में भी, जहां चतुर्थ श्रेणी के पद सृजित नहीं हैं, वहां एक चौकीदार का पद आउटसोर्सिंग के माध्यम से दिया जाएगा।

राज्य के राजकीय विद्यालयों में कुल 2023 पदों को इस प्रक्रिया के तहत परिवर्तित किया गया है। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त कार्मिकों को प्रतिमाह 15,000 रुपये मानदेय दिया जाएगा। साथ ही, नियुक्ति प्रक्रिया में राज्य में लागू आरक्षण नियमों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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